प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की रकम भेजने के साथ की थी। अब वह किसान सम्मेलन को भी संबोधित करने वाले हैं। 15 जून को पीएम मोदी इटली से लौट आए हैं और अब वह 18 जून को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे और यहां किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसी दिन शाम के समय काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे और पूजा-अर्चना के बाद गंगा आरती में भी शामिल होंगे। अगले दिन वह बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद किसानों को प्राथमिकता दी है। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर बहुमत नहीं हासिल कर सकी और सत्ता में बने रहने के लिए एनडीए गठबंधन के सहयोगियों पर निर्भर है। माना जा रहा है कि बीजेपी की सीट कम होने में किसान आंदोलन की अहम भूमिका है। शायद इसी वजह से पीएम इस कार्यकाल में किसानों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
जी7 में क्या बोले पीएम मोदी
जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने भारत को फिर एक बार ग्लोबल साउथ की आवाज के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने शुक्रवार को प्रौद्योगिकी में किसी भी देश के एकाधिकार को खत्म करने का आह्वान किया और कहा कि समावेशी समाज की नींव रखने के लिए इसे रचनात्मक बनाया जाना चाहिए। इटली के अपुलिया में आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश दुनिया भर में उपजी अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना अपनी जिम्मेदारी समझा है। उन्होंने कहा, "इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाया।"