Highlights
- आलोचना से भी सीखने की कोशिश करता हूं- पीएम मोदी
- 'संसद में तथ्यों के आधार पर बात रखता हूं'
- मैं अपने काम पर ही फोकस करता हूं- पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार इंडिया टीवी के पॉलिटिकल एडिटर देवेंद्र पाराशर से विशेष बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि कुछ स्वार्थी लोग उनके खिलाफ एजेंडा चलाते हैं। विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, कुछ स्वार्थी लोग मुझसे नाराज हैं, मेरे खिलाफ एजेंडा चलाते हैं। केवल नकारात्मक एजेंडा वाले भ्रष्ट लोग मुझसे नाराज रहते हैं। सार्वजनिक जीवन में आलोचना होना और आरोप होना ये बहुत स्वाभावित है। ये शायद इस क्षेत्र की ही प्रकृति है, तो हमें इसे स्वीकार करके चलना चाहिए, ये मेरा मन करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात करने का अधिकार है जब सदन में चर्चा होती है तो हर कोई अपने विचार रखते हैं। मैं रिसर्च भी करता रहता हूं और अच्छा होता है कि जब हमारे पास कॉन्क्रीट उदाहरण होते हैं तो उसके माध्यम से हम चीजों को रखते हैं, जो आपने देखा लोकसभा में भी और राज्यसभा में भी। संसद में तथ्यों के आधार पर बात करता हूं। डिबेट को ऊंचाई पर ले जाने का मेरा प्रयास रहता है।
राजनीतिक दलों द्वारा आलोचना के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन में आलोचना होना और आरोप लगने स्वाभाविक है। यह इस क्षेत्र की ही प्रकृति है तो मुझे लगता है कि इसे स्वीकार करके चलना चाहिए। दूसरा हमें उन चीजों में उलझना नहीं चाहिए। बल्कि लोगों ने हमें जिस काम के लिए जिम्मेदारी दी है, उसी में लगे होना चाहिए। यदि मन अपने काम में लगे रहता है तो दूसरा कोई क्या कह रहा है, इसका फर्क नहीं पड़ता है और आउटपुट अच्छा मिलता है। स्वार्थी लोग मुझसे नाराज रहते हैं। मेरे खिलाफ कुछ लोग एजेंडा चलाते हैं।’
लोकसभा और राज्य सभा में चर्चा को लेकर मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। जब सदन में चर्चा होती है तो हर कोई अपनी बात रखता है। मेरा प्रयास रहता है कि चर्चा के दौरान बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय तथ्यों और तर्कों के आधार पर अपनी बात रखें। इसके लिए मैं रिसर्च भी करता हूं और जब हमारे पास पक्के उदाहरण होते हैं तो उसे हम सदन में रखते हैं। डिबेट को ऊंचाई पर ले जाने का मेरा प्रयास रहता है। मैं मन में लेकर नहीं चलता कि किसने मेरे लिए क्या किया और क्या बोला।’