Highlights
- भारत-मध्य एशिया की वर्चुअल समिट पहली बार होने जा रही
- विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल बैठक को सकारात्मक पहल बताया
- भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के पर चर्चा की उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को भारत और मध्य एशिया के बीच पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। वर्चुअल माध्यम से हो रही इस समिट के दौरान इसमें शामिल होने वाले नेता क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे लेकर अपने विचार साझा करेंगे।
पांच देशों के प्रेसीडेंट लेंगे हिस्सा
इस शिखर सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। इनमें कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोटाएव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डिमोहम्मद और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव के नाम शामिल हैं।
बता दें कि जिस भारत-मध्य एशिया की वर्चुअल समिट पहली बार होने जा रही है। उसकी शुरुआत विदेश मंत्रियों के स्तर पर पहले भी की जा चुकी है। विदेश मंत्रियों द्वारा इसकी तीसरी बैठक 18-20 दिसंबर, 2021 तक नई दिल्ली में हुई थी, जिसने भारत-मध्य एशिया संबंधों को गति प्रदान की है।
भारत-मध्य एशिया की साझेदारी का प्रतीक है यह समिट
विदेश मंत्रालय के अनुसार यह भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच अपनी तरह का पहला आयोजन होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं की ओर से व्यापक और स्थायी भारत-मध्य एशिया साझेदारी के महत्व का प्रतीक है।विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल बैठक को सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान उम्मीद है कि नेता भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कदमों पर चर्चा करेंगे।