Highlights
- पीएम मोदी रैली में बिना हिस्सा लिए वापस दिल्ली लौट आए थे
- PM के दौरे को रोकने या बाधा डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था- SKM
- अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध करने की घोषणा की थी- SKM
पीएम मोदी की सुरक्षा में बुधवार को सबसे बड़ी चूक देखने को मिली। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पंजाब की सड़कों पर ऐसा बवाल काटा कि पीएम मोदी का काफिला आगे नहीं बढ़ पाया और 15 से 20 मिनट तक वहीं पर फंसा रह गया था। इसके बाद पीएम मोदी रैली में बिना हिस्सा लिए वापस दिल्ली लौट आए थे। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि इस दौरान पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को भी फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। अब इस पर संयुक्त किसान मोर्चा की प्रतिक्रिया आई है।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में बाधा डालने के इरादे से किसान संगठनों का विरोध करने का कोई कार्यक्रम नहीं था। विभिन्न किसान संगठनों का साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उससे जुड़े दस किसान संगठनों ने लखीमपुर कांड को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी और प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर अन्य बकाया मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध की घोषणा किया था। एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री के दौरे को रोकने या उनके दौरे में बाधा डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था।'
वहीं, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के सुरजीत सिंह फूल ने एक वीडियो फेसबुक पर साझा किया था और अपने साथियों को प्रधानमंत्री का काफिला रोकने पर बधाई दी थी। सुरजीत सिंह कहते हैं, 'भारतीय किसान यूनियन के कहने पर मोगा और लुधियाना के वर्करों की तरफ से बलदेव सिंह के नेतृत्व में जो डटकर मोदी की रैली को सिर्फ 10-11 किलोमीटर पहले सड़क जाम करके, पुलिस और बीजेपी के लोगों का सामने करके जो तुमने बीजेपी और उसके लोगों को रास्ते से लौटाया, इसके लिए तुम लोग बधाई के हकदार हो।'
किसानों को भड़काते हुए सुरजीत सिंह ने कहा था, 'ये वही बीजेपी है, जिसने सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे करके, गंदा पानी डाले थे। आज तुम्हारी वजह से बीजेपी को भी यही दिन देखने को मिला। मैं भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के तौर पर आपको बधाई देता हूं। जिन लोगों ने भी उसमें योगदान दिया और पुतले फूंके ऐसे सभी लोगों का मैं बीकेयू (क्रांतिकारी) की तरफ से धन्यवाद देता हूं और तारीफ करता हूं। उम्मीद है कि आने वाले समय में भी इसी लड़ाकू दृढ़शक्ति के साथ आगे भी लड़ते रहोगे। आपने ये साबित कर दिया कि लड़ने वाले और नहीं लड़ने वाले लोगों का फर्क क्या होता है।'