पीएम मोदी की सुरक्षा में बुधवार को सबसे बड़ी चूक देखने को मिली। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पंजाब की सड़कों पर ऐसा बवाल काटा कि पीएम मोदी का काफिला आगे नहीं बढ़ पाया और 15 से 20 मिनट तक वहीं पर फंसा रह गया था। इसके बाद पीएम मोदी रैली में बिना हिस्सा लिए वापस दिल्ली लौट आए थे। अब, एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ये वीडियो 2 दिसंबर को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था।
ये एक एनिमेटेड वीडियो है और इसमें पीएम मोदी को किसान प्रदर्शनकारियों के बीच दिखाया जा रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया जाता है कि प्रदर्शनकारियों को सामने पाकर पीएम की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी भी डरकर भाग जाते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को भी आगे जाते हुए दिखाया गया है। ऐसे में एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या ये एक सोची-समझी साजिश थी?
ये कोई पहली बार नहीं है जब इस घटना को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के सुरजीत सिंह फूल ने एक वीडियो फेसबुक पर साझा किया था और अपने साथियों को प्रधानमंत्री का काफिला रोकने पर बधाई दी थी। सुरजीत सिंह कहते हैं, 'भारतीय किसान यूनियन के कहने पर मोगा और लुधियाना के वर्करों की तरफ से बलदेव सिंह के नेतृत्व में जो डटकर मोदी की रैली को सिर्फ 10-11 किलोमीटर पहले सड़क जाम करके, पुलिस और बीजेपी के लोगों का सामने करके जो तुमने बीजेपी और उसके लोगों को रास्ते से लौटाया, इसके लिए तुम लोग बधाई के हकदार हो।'
जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने बृहस्पतिवार को कहा कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में बाधा डालने के इरादे से किसान संगठनों का विरोध करने का कोई कार्यक्रम नहीं था। विभिन्न किसान संगठनों का साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उससे जुड़े दस किसान संगठनों ने लखीमपुर कांड को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी और प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर अन्य बकाया मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध की घोषणा किया था। एसकेएम ने एक बयान में कहा, 'प्रधानमंत्री के दौरे को रोकने या उनके दौरे में बाधा डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था।'