नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि डीपफेक सबसे बड़े खतरों में से एक है जिसका सामना इस समय भारतीय सिस्टम को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वीडियो से समाज में अराजकता पैदा हो सकती है। प्रधानमंत्री ने मीडिया से भी लोगों को इस बढ़ती समस्या के बारे में शिक्षित और जागरूक करने का आग्रह किया। दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वॉर्टर में आयोजित दिवाली मिलन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
बचपन से 'गरबा नहीं खेला-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब डीपफेक जैसे मामलों में जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग की बात आती है तो जनता और मीडिया दोनों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। डीपफेक मौजूदा विधानसभा चुनावों में चुनावी लोकतंत्र की अखंडता के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा कर रहे हैं। इस तरह के मामलों में नकली और असली वीडियो क्लिप के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में उस गरबा वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें महिलाओं के बीच पीएम मोदी को गरबा डांस करते हुए दिखाया गया है। यह morphed गरबा वीडियो काफी वायरल हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बचपन से 'गरबा नहीं खेला है'।
हालांकि बाद में फैक्ट चेक से यह पता चला कि गरबा में डांस कर रहा शख्स पीएम मोदी नहीं बल्कि कोई और है। इस वीडियो के बारे में यह दावा किया जा रहा था कि नवरात्र में गरबा खेलते हुए पीएम मोदी का यह वीडियो है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
हाल के दिनों में डीपफेक वीडियो के मामले बढ़े
हाल के दिनों में डीपफेक वीडियो के मामले बढ़े हैं। कुछ दिन पहले रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था। इसी तरह सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर और शुभमन गिल की तस्वीर को morphe करके वायरल किया गया था। काजोल और कैटरीना कैफ को भी डीपफेक का शिकार होना पड़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आने के बाद डीपफेक के मामले तेजी से बढ़े हैं।
AI से डीपफेक में मिलती है काफी मदद
दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से किसी भी तस्वीर, वीडियो या फिर ऑडियो को बिल्कुल अलग बनया जा सकता है। यह तस्वीर, वीडियो या ऑडियो किसी भी मायने में ऑरिजिनल से कम नहीं लगता। इसे देखने और सुनने के बाद लोग सच मान बैठते हैं। इसलिए पीएम मोदी ने कहा कि यह सबसे बड़े खतरों में से एक है।