नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में संत रविदास जयंती समारोह में शामिल हुए। सन्त रविदास जन्मस्थली के विकास के लिए उन्होंने कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि दलितों और वंचितों का विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता है। विभाजित भारत में संत रविदास ने नई ऊर्जा भरी।
संत रविदास ने विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत का इतिहास रहा है, जब भी देश को जरूरत हुई है, कोई न कोई संत, ऋषि, महान विभूति भारत में जन्म लेते हैं। संत रविदास जी तो उस भक्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने कमजोर और विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी थी। रविदास जी ने समाज को आजादी का महत्व भी बताया था और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया। ऊंच नीच, छुआछूत, भेदभाव... इस सबके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। "
संत रविदास जी को किसी मत, मजहब की सीमा में नहीं बांधा जा सकता
पीएम मोदी ने कहा कि संत रविदास जी को मत, मजहब, पंथ, विचारधारा की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। रविदास जी सबके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि समानता वंचित समाज को प्राथमिकता देने से आती है। इसलिए जो लोग, जो वर्ग विकास की मुख्यधारा से जितना ज्यादा दूर रह गए, पिछले दस वर्षों में उन्हें ही केंद्र में रखकर काम हुआ है। पहले जिस गरीब को सबसे आखिरी समझा जाता था, सबसे छोटा कहा जाता था, आज सबसे बड़ी योजनाएं उसी के लिए बनी हैं।