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देश के धाकड़ विदेश मंत्री की तारीफ में पीएम मोदी ने कही ये बात, जयशंकर ने अदा किया शुक्रिया

PM Modi on S Jaishankar's Birthday: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत की विदेश नीति का लोहा मनवाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने बेबाक अंदाज के लिए लगातार मशहूर होते जा रहे हैं। उनका बेधड़क अंदाज पीएम मोदी को भी खूब भाता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: January 09, 2023 10:41 IST
एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री- India TV Hindi
Image Source : PTI एस जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

PM Modi on S Jaishankar's Birthday: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत की विदेश नीति का लोहा मनवाने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने बेबाक अंदाज के लिए लगातार मशहूर होते जा रहे हैं। उनका बेधड़क अंदाज पीएम मोदी को भी खूब भाता है। एस जयशंकर ने जिस तरह से दुनिया के बदलते वैश्विक हालात में पूरी दुनिया के सामने भारत के पक्ष को मजबूती से रखा है, वह उन्हें देश के सबसे सफलतम और बेझिझक अंदाज वाले विदेश मंत्री के दौर पर प्रतिस्थापित करता है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस जयशंकर के जन्म दिन पर खुलकर उनकी विदेश नीतियों की तारीफ की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि "विदेशमंत्री एस जयशंकर जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। वह भारत के विदेशी संबंधों को बढ़ाने और हमारे प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। उन्हें दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले। " प्रधानमंत्री की इन्हीं दो लाइनों में एस जयशंकर के कार्यों का हर अंदाज छुपा है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि मौजूदा भारतीय विदेश नीति सबसे मजबूत दौर में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी इसका श्रेय निश्चित रूप से जाता है। आइए आपको विदेश मंत्री के कुछ ऐसे बयानों से आपको अवगत कराते हैं, जिसने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी और जिससे भारत की साख विश्व में कई गुना बढ़ गई।

"पश्चिमी देश आतंकियों के समर्थक पाकिस्तान को देते हैं हथियार"

विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल ही में साइप्रस और आस्ट्रिया के दौरे पर थे। इस दौरान यूक्रेन युद्ध पर भारत का स्पष्ट रुख जानने और रूस के खिलाफ भारत को बेलने के लिए मजबूर करने के इरादे से आस्ट्रिया के पत्रकार ने बेहद चतुराई भरा सवाल पूछा- "यूक्रेन युद्ध पर भारत अब तक बहुत संतुलित बयान देता आ रहा है। जबकि दुनिया पुतिन को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई का दोषी मान रही है। वही रूस भारत के लिए हथियारों और सैन्य उपकरणों का सबसे बड़ा सप्लायर है। क्या इसीलिए भारत यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की आलोचना नहीं कर पा रहा?"

...विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तब जवाब दिया कि "भारत और रूस के संबंध उस दौर में बने हैं, जब लोकतांत्रिक पश्चिमी देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को नजरअंदाज करके आतंकियों के समर्थक और सैन्य तानाशाही वाले देश पाकिस्तान को हथियारों की सप्लाई कर रहे थे। पश्चिमी देश अभी भी पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं।" विदेश मंत्री के इस बयान ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी और यूरोप समेत सभी पश्चिमी देशों को आईना दिखा दिया।

रूस से तेल खरीदने के सवाल पर दिया था ये जवाब
इसी तरह विदेश मंत्री ने यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस से लगातार तेल और गैस खरीदने के सवाल पर जवाब दिया था कि "भारत की अपनी ऊर्जा जरूरतें हैं। अपने देश के लोगों के लिए सस्ता और अच्छा ऊर्जा का विकल्प देना हमारी प्राथमिकता है। हमें अपने लोगों के लिए जहां से भी सस्ता ईंधन मिलेगा, वहां से हम खरीदेंगे। भारत को कोई यह निर्देश नहीं दे सकता है कि हम किस देश से तेल लें या न लें। यह भारत का अपना अधिकार है।" विदेश मंत्री के इस बयान की तारीफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमराखान ने भी अपनी रैली में उनके बयान वाला वीडियो चलाकर की थी।

पाकिस्तान को एफ-16 के लिए मदद पर अमेरिका को फटकार
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा 45 लाख करोड़ डॉलर की रक्षा सहायता दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। इस पर जब अमेरिका ने कहा कि यह सहायता एफ-16 के रखरखाव और आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान को दी गई है तो अमेरिका की ही धरती पर विदेश मंत्री भड़क उठे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका को खुले तौर पर कहा कि "आप यह कहकर किसे बेवकूफ बना रहे हैं?" अमेरिका ने भारत से इस लहजे में जवाब की कल्पना भी नहीं की थी। अमेरिका को उसकी धरती पर इस तरह कड़ी फटकार लगाने पर दुनिया भर में भारत की सराहना की गई थी और भारत को दुनिया की उभरती शक्ति के रूप में पेश किया गया।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन को लगाई लताड़
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा था कि हम अब एक और 9/11 या 26/ 11 नहीं होने दे सकते। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ देश आतंकवाद करके राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं। चीन का नाम लिए बगैर कहा कि सबसे बड़ी चुनौती दोहरे मानकों से निपटना है। जब आतंकवाद पर कार्रवाई की बात आती है तो कुछ देश असहाय हो जाते हैं और आतंकियों के साथ खड़े दिखाई देते हैं। विदेशमंत्री ने यह टिप्पणी पाकिस्तानी आतंकी के खिलाफ अमेरिकी प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो पॉवर लगाकर खारिज किए जाने के संबंध में की थी। उन्होंने एलएलसी पर चीन के अतिक्रमण पर कहा था कि भारत चीन की ओर से की जाने वाली ऐसी कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

पाकिस्तान को बताया था आतंक का केंद्र
विदेश मंत्री ने अपने हालिया बयान में कहा था कि दुनिया पाकिस्तान को आतंक के केंद्र के तौर पर देखती है। कोरोना महामारी के दौरान भी वैश्विक समुदाय यह नहीं भूला कि आतंक की जड़ कहां है। उन्होंने पाकिस्तान की ओर इशारा करते कहा था कि यदि आप घर में सांप पालेंगे तो यह मत समझिये कि वह सिर्फ पड़ोसी को डंसेगा। एस जयशंकर के इस बयान से पाकिस्तान समेत उसके विदेश मंत्री बिलावल भी बिलबिला उठे थे। जब विदेशी पत्रकारों ने जयशंकर से पूछा कि पाकिस्तान को आतंक का केंद्र बताना क्या कूटनीतिक रूस से सही है?...इस पर जयशंकर ने जवाब दिया था कि "राजनयिक होने का मतलब यह नहीं है कि मैं सच नहीं बोल सकता। " अपने ऐसे ही तमाम बयानों के जरिये भारत के विदेश मंत्री दुनिया भर में वायरल हैं और भारतीय विदेश नीति का दुनिया भर में डंका बज रहा है।

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