नई दिल्ली में G20 समिट के तीसरे सेशन का समापन हो गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'नयी वैश्विक संरचना' में दुनिया की 'नयी हकीकत' को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की। पीएम मोदी ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी तब 51 देशों को शामिल किया गया था, लेकिन तब दुनिया अलग थी। अब इस वैश्विक निकाय में सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है। बावजूद इसके UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। उन्होंने कहा कि तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है। ये सच हमारे न्यू ग्लोबल स्ट्रक्चर में रिफ्लेक्ट होनी चाहिए।
"जो वक्त के साथ नहीं बदलते..."
निकायों में सुधार की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि जो वक्त के साथ नहीं बदलते, वे अप्रासंगिक हो जाते हैं। हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते सालों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं। आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए सुधार करना आवश्यक है। इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है। इसी तरह हमें Multilateral Development Banks (बहुपक्षीय विकास बैंक) के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले तुरंत और असरदार होने चाहिए।
जी21 की अध्यक्षता करेगा ब्राजील
समापन भाषण में पीएम मोदी ने कहा, तेजी से बदलते विश्व में हमें परिवर्तन के साथ-साथ स्थिरता की भी उतनी ही जरूरत है। हम प्रण लें कि ग्रीन डेवल्पमेंट पैक्स, Action Plan on SDGs, भ्रष्टाचार के विरोध पर उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एमडीबी रिफॉर्म्स के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जाएंगे। पीएम मोदी ने समापन भाषण देने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को G20 की अध्यक्षता सौंप दी। अब अगले जी20 जिसे नए नाम जी21 दिया गया है, की मेजबानी ब्राजील करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को मैं हार्दिक शुभकामानएं देता हूं और उन्हें G-20 की अध्यक्षता सौंपता हूं।