PM Modi’s gift to German Chancellor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जर्मन चांसलर ओलाफ़ शोल्ज के निमंत्रण पर जर्मनी के दौरे पर गए हैं। आज बर्लिन की चांसलरी यानी जर्मन सरकार के हेडक्वार्टर में प्रधानमंत्री का शानदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। दोनों देशों के बीच डेलीगेशन लेवल की बातचीत से पहले प्रधानमंत्री मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर को एक खास तोहफा दिया। यह तोहफा है 'सेडली'। सेडली आज भी गुजरात के व्यापारियों द्वारा लिखने के टेबल के रूप में उपयोग होती है, इसे पारसी समुदाय के लोग अपने साथ भारत लाये थे।
दुनिया की चौथे नंबर की सबसे बड़ी इकोनॉमिक पावर है जर्मनी
वहीं, आपको बता दें कि मोदी और ओलाफ की मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जर्मनी, यूरोप की आर्थिक महाशक्ति है। जर्मनी दुनिया की चौथे नंबर की सबसे बड़ी इकोनॉमिक पावर है और भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था। इस वक्त भारत में 1700 से ज्यादा जर्मन कंपनियां कारोबार कर रही हैं। 1600 से ज्यादा इंडो-जर्मन कॉलोबोरेशन चल रहे हैं। इसके अलावा 600 से अधिक इंडो-जर्मन जॉइंट वेंचर्स काम कर रहे हैं। जर्मनी में भारतीय कंपनियों का कारोबार भी बढ़ा है। इस वक्त 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियां जर्मनी में बिजनेस कर रही हैं इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चासंलर के बीच सिर्फ रूस-यूक्रेन युद्ध पर ही नहीं आपसी व्यापारिक रिश्तों पर भी बात हुई।
हरित और सतत ऊर्जा साझेदारी पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने बर्लिन में हरित और सतत ऊर्जा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी पिछली IGC 2019 में हुई थी, तब से विश्व में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डाला है। हाल की जियो पॉलेटिकल घटनाओं ने भी दिखाया कि विश्व की शांति और स्थिरता कितनी नाजुक स्थिति में है और सभी देश कितने इंटरकनेक्टेड हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कॉमन मूल्यों को साझा करते हैं। इन साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ का धन्यवाद करता हूं। मुझे खुशी है कि इस वर्ष ये मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी में हो रही है।