Highlights
- चीतों के पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ-पीएम मोदी
- जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है-मोदी
- चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा-पीएम मोदी
PM Modi's Birthday : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज अपना 72 वां जन्मदिन कूनो नेशनल पार्क में मना रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि चीतों के पुनर्वास के लिए पूरा देश नई ऊर्जा के साथ जुट गया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ।
पर्यावरण के संरक्षण से भविष्य सुरक्षित-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा- 'आज आजादी के अमृतकाल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं। कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का ग्रासलैंड इकोसिस्टम फिर से restore होगा, biodiversity और बढ़ेगी।'
हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है-पीएम मोदी
अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है। कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं।कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा।
पर्यावरण की रक्षा के साथ देश की प्रगति हो सकती है-पीएम मोदी
प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी, भारत के लिए ये केवल sustainability और security के विषय नहीं हैं। हमारे लिए ये हमारी sensibility और spirituality का भी आधार हैं। आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि Economy और Ecology कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है।