PM Modi promises to remove AFSPA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से आफस्पा को पूरी तरह हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां एक ‘‘शांति, एकता और विकास’’ रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में पिछले 8 सालों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने के बाद हटाया जा सका है। मोदी ने कहा, ‘‘क्षेत्र में हिंसा में 75 फीसदी की कमी आने के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने पर कानूनों को लागू करने में बदलाव आया है। आफस्पा सबसे पहले त्रिपुरा में और फिर मेघालय में हटाया गया।’’
'AFSPA को पूरी तरह हटाने पर तेजी से कर रहे हैं काम'
उन्होंने कहा कि असम में पिछली सरकारों ने गत तीन दशकों में इसे बार-बार बढ़ाया क्योंकि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों में स्थिति पर उचित नियंत्रण के कारण AFSPA को राज्य के ज्यादातर हिस्सों से हटा दिया गया है। हम बाकी के हिस्सों से भी इसे हटाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून नगालैंड और मणिपुर के कुछ इलाकों में लागू है और हम इसे पूरी तरह हटाने पर तेजी से काम कर रहे हैं।’’
गौरतलब है कि केंद्र ने नगालैंड, असम और मणिपुर में आफस्पा के तहत आने वाले प्रभावित इलाकों को दशकों बाद एक अप्रैल से कम करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ‘डबल इंजन’ सरकार का प्रभाव असम में स्थायी शांति और तेज गति से विकास के लौटने से दिखायी देता है। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता ‘‘डबल इंजन’’ शब्द का इस्तेमाल पार्टी के केंद्र के साथ ही राज्य में भी सत्ता में रहने पर करते हैं।
'पहले पूर्वोत्तर में गूंजते थे बम और अब तालियां'
मोदी ने कहा कि सरकार ने असम के कार्बी आंगलोंग और त्रिपुरा में शांति समझौते किए हैं जबकि पूरे क्षेत्र में स्थायी शांति लाने एवं तेज गति से विकास करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कार्बी आंगलोंग के कई संगठन शांति एवं विकास के रास्ते पर आगे चलने के लिए मुख्यधारा में लौट आए हैं। 2020 में बोडो समझौते ने क्षेत्र अैर त्रिपुरा में शांति का मार्ग प्रशस्त किया, एनएलएफटी भी शांति के लिए आगे आया है जबकि ढाई दशक पुराना ब्रु-रियांग मुद्दा हल कर लिया गया है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्षेत्र में स्थायी रूप से शांति कायम हो गई है और केंद्र तथा राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयास से पूर्वोत्तर राज्यों में तेज गति से विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया ‘‘जारी है और भविष्य में भी चलती रहेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले पूर्वोत्तर को बम धमाकों और हिंसा के लिए जाना जाता था और इससे सबसे ज्यादा पीड़ित हमारी माताएं, बहनें और बच्चे होते थे। अब जब युवाओं ने हथियार छोड़ दिए हैं तो मैं उनके चेहरे पर मुस्कान देखता हूं, मुझे लगता है कि ईश्वर मुझ पर कृपा बरसा रहा है।’’ मोदी ने कहा कि केंद्र ने कार्बी आंगलोंग और अन्य आदिवासी इलाकों में ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की नीति के साथ लोगों की मुश्किलों को हल करने की हमेशा कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आपके परिवार के सदस्य के तौर पर क्षेत्र की प्रत्येक समस्या को समझने की कोशिश की है और मैं आपके सपनों तथा आकांक्षाओं का सम्मान करता हूं। लोगों ने अपनी समस्याएं बतायीं और मैंने आपके परिवार का सदस्य होने के नाते उन्हें संवेदनशीलता के साथ हल करने की कोशिश की है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षेत्र में सौहार्द्रपूर्ण तरीके से राज्यों के बीच सीमा विवादों को हल करने के प्रयास किए गए हैं।
कार्बी आंगलोंग के लिए 1,000 करोड़ की परियोजनाओं से युवाओं को मिलेंगे नए अवसर
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खासतौर से असम के मुख्यमंत्री (हेमंत बिस्व सरमा) के साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के उनके समकक्षों को धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि उनके प्रयास क्षेत्र को मजबूत आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरने में मदद कर रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि मेघालय और असम के बीच हाल में हुए सीमा समझौते से अन्य को, मुद्दों को हल करने का बढ़ावा मिलेगा तथा आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कार्बी आंगलोंग में पशु चिकित्सा विज्ञान और कृषि कॉलेजों तथा एक मॉडल सरकारी कॉलेज की नींव रखी तथा असम में 2,985 ‘अमृत सरोवर’ परियोजनाएं भी शुरू की। उन्होने कहा कि कार्बी आंगलोंग के लिए 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से युवाओं को नए अवसर मिलेंगे, खासतौर से उन युवाओं को जो राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए मुख्यधारा में लौटे हैं।
(इनपुट- भाषा)