PM मोदी आज अपने कार्यकाल में 10वीं बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई बातों पर चर्चा किया। इस दौरान PM मोदी ने देश के शहीदों को याद किया और युवाओं में जोश भरने का भी काम किया। युवा पीढ़ी के लिए एक कविता भी सुनाई।
अगर आपने कविता नहीं सुनी तो यहां पढ़िए वो कविता
चलता-चलाता कालचक्र, अमृत काल का भाल चक्र
सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे
धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे
नीति सही रीति नई, गति सही राह नई
चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम
नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई
चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम
इस कविता को सुनाने के बाद प्रधानमंत्री ने आगे कहा- दुनिया के कोने-कोने में बसे मेरे परिवारजनों, मैं आप सभी को आजादी के पावन पर्व की फिर से एक बार बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। ये अमृत काल हम सभी के लिए कर्तव्य काल है। ये अमृत हम सभी को मां भारती के लिए कर-गुजरने का काल है। आजादी का जब जंग चल रहा था, 1947 से पहले जिस पीढ़ी ने जन्म लिया था, उन्हें देश के लिए मरने का मौका मिला। वो ऐसा मौका नहीं छोड़ते थे। हमारे पास देश के लिए मरने का मौका नहीं है मगर देश के लिए जीने का इससे अच्छा मौका कोई और नहीं है।
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