नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 6 दिनों के विदेश दौरे पर जा रहे हैं। इन 6 दिनों में पीएम मोदी जापान, पपुआ न्यु गिनी और ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे। पीएम की यात्रा का पहला पड़ाव जापान का हिरोशिमा शहर है जहां वह जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस बार G-7 की 49वीं समिट में भारत को बतौर गेस्ट नेशन इनवाइट किया गया है। पीएम मोदी सम्मेलन के तीन सेशन में हिस्सा लेंगे। जापान यात्रा के दौरान पीएम फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी होगी। इसके अलावा भी कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत को लेकर कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं।
नेहरू के बाद पहली बार हिरोशिमा जा रहे भारतीय PM
इस बार दुनिया के ताकतवर देशों के नेता उस हिरोशिमा शहर में मिल रहे हैं जहां मानव सभ्यता ने अब तक का सबसे बड़ा परमाणु बम का विध्वंस देखा था। बता दें कि 66 साल बाद कोई भारतीय पीएम हिरोशिमा पहुंच रहा है। 1957 में जवाहर लाल नेहरू जापान के हिरोशिमा गए थे उसके बाद ये पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री हिरोशिमा में सम्मेलन में शिरकत कर रहा है जब दुनिया रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध देख रही है। 6 दिन के विदेश दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे।
इसलिए खास है यह दौरा...
हिरोशिमा में पीएम मोदी की मौजूदगी अहम है। दरअसल, भारत उन देशों में शामिल है जिसने न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन ट्रीटी (परमाणु अप्रसार संधि या NPT) पर साइन नहीं किए हैं। इस समझौते का उद्देश्य परमाणु परीक्षण पर रोक लगाना है। हिरोशिमा दुनिया का पहला शहर है, जहां इतिहास का पहला और अब तक आखिरी एटमी हमला किया गया था।
6 दिन के विदेश दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे। पीएम का पहला पड़ाव जापान का हिरोशिमा शहर है। जापान इस बार जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है और जापान के पीएम ने भारत को बतौर गेस्ट कंट्री यानी अतिथि देश का न्योता दिया है। पीएम मोदी जापाान के पीएम फुमियो किशिदा के न्यौते पर इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
- G-7 दुनिया के साथ ताकतवर देशों का गुट है जिसमें अमेरिका, जापान, फ्रांस, कनाडा, इटली, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल हैं।
- एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल से ऊपर का वक्त हो चुका है तो वहीं दुनिया के सात ताकतवर देश अभी तक इसमें कोई प्रभावी भूमिका नहीं निभा पाए हैं।
- तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक के एजेंडे में इस बार सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, खाद्य और स्वास्थ्य के साथ साथ विकास, डिजिटाइजेशन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दे शामिल हैं।
- G-7 सम्मेलन के तहत प्रधानमंत्री मोदी तीन ऑफिशियल सेशन में हिस्सा लेंगे। पहले दो सेशन 20 मई को होंगे जबकि 21 मई को तीसरा और आखिरी सत्र होगा।
- 20 मई को पहले सत्र में खाद्य, स्वास्थ्य और लैंगिक समानता पर बात होगी, दूसरे सत्र में मौसम, ऊर्जा और पर्यावरण, 21 मई को तीसरे सत्र में स्थिर, शांति और प्रगति पर बात होगी।
- G-7 में भारत की लगातार भागीदारी ये बताती है कि दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत की अहम भागीदारी है जिनमें सुरक्षा, शांति, विकास और पर्यावरण का संरक्षण शामिल है।
हिरोशिमा में क्वाड समिट की तैयारी!
अपने दौरे में पीएम मोदी का कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातों का भी कार्यक्रम है जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार ऑस्ट्रेलिया में क्वाड समिट होना था लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के आखिरी पलों में ऑस्ट्रेलिया का दौरा रद्द होने से अब क्वाड समिट को हिरोशिमा में ही करवाने की तैयारी चल रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम-
- पीएम मोदी जापान से पोर्ट मोरेस्बी जाएंगे जहां वो 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे।
- इसके बाद 22 से 24 मई को प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रेलिया में होंगे। मोदी 24 मई को आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
- प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सिडनी में एक सामुदायिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत करेंगे।
- 23 मई को ही पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे।
PM मोदी के दौरे से ड्रैगन क्यों हुआ बेचैन?
पीएम मोदी जब ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से बातचीत करेंगे तो उसमें ये मैसेज साफ होगा कि ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों को भारत के खिलाफ साज़िश का मौका ना दिया जाए। पीएम मोदी का ये दौरा चीन के लिए भी कड़ा संदेश है क्योंकि जहां क्वाड देशों के सम्मेलन को लेकर ड्रैगन बेचैन रहता है वहीं ऑस्ट्रेलिया और जापान में भी पीएम मोदी ये तय करेंगे कि हिंद महासागर के समंदर में कोई बाहुबली बनने की कोशिश ना करे।