PM Modi in Germany: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को जर्मनी की राजधानी पहुंचने पर भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया और बर्लिन के मशहूर ब्रैंडेनबर्ग गेट पर भारत के रंग तथा विविधता का प्रदर्शन हुआ। इस बीच पीएम मोदी की 30 साल पहले की एक तस्वीर सामने आई जब वो जर्मनी पहुंचे थे। उस वक्त वो पार्टी के कार्यकर्ता थे और यूएस से लौटते वक्त जर्मनी पहुंचे थे। दरअसल ये फोटो साल 1993 की है जब नरेंद्र मोदी अमेरिका से लौटते वक्त जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रुके थे। उस दौरान मोदी वहां कुछ भारतीय परिवारों से भी मिले थे। तीन दशक पहले की पीएम मोदी की ये तस्वीर रेयर है जो आमतौर पर नहीं दिखती।
जर्मनी दौरे के दौरान पीएम मोदी का अलग अंदाज देखने को मिला। यहां उनके स्वागत में ढोल बज रहे थे। पीएम मोदी भी इस दौरान लोगों के बीच में गए। यहां प्रवासी भारतीयों के बीच पीएम मोदी को लेकर गजब का क्रेज देखने को मिला। अधिकांश भारतीय उनके साथ सेल्फी लेने को उत्सुक दिखे। प्रवासी भारतीयों के कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के 1600 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया, जिनमें छात्र, शोधकर्ता और पेशेवर शामिल थे।
'रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा, भारत शांति के पक्ष में'
पीएम मोदी ने सोमवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की और यूक्रेन संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा, सभी को नुकसान होगा, इसलिए भारत शांति के पक्ष में हैं। वहीं, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया।
शॉल्ज ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारत की भूमिका अहम है। दोनों पक्षों के बीच बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन के संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आहृवान किया और इस बात पर जोर दिया था कि विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत ही एक मात्र उपाय है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा, सभी को नुकसान होगा इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं।’’