नई दिल्ली: जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकबार फिर से प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में योगदान देने वाले कर्मचारियों से संवाद किया और इस वैश्विक आयोजन की सफलता का उन्हें श्रेय दिया। भारत की अध्यक्षता में यहां ‘भारत मंडपम’ में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
3,000 लोगों ने इस संवाद कार्यक्रम में भाग लिया
प्रधानमंत्री ने ‘भारत मंडपम’ में आयोजित एक कार्यकम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इतना बड़ा और सफल आयोजन हुआ जी20 का, जिसके लिए हर तरफ से तारीफ ही तारीफ आ रही है। इसके पीछे आप सभी हैं।’’ जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने को लेकर अहम योगदान देने वाले लगभग 3,000 लोगों ने इस संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपने अनुभवों को शब्दों में बयां करें, ताकि भविष्य में होने वाले आयोजनों के लिए दिशानिर्देश बनाए जा सकें। मोदी ने कहा, ''मेरा आपसे अनुरोध है कि अनुभवों का दस्तावेजीकरण किया जाए। यह भविष्य के आयोजनों के लिए दिशानिर्देश बनाने के काम आएगा।''
'कॉमनवेल्थ खेलों में हुए भ्रष्टाचार से देश बदनाम हुआ'
वहीं इस मौके पर उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा हमारे देश के सामने दो अनुभव हैं। पहला कुछ साल पहले दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेल। इसके बारे में आप किसी से भी चर्चा कीजिए। सभी के मन में केवल एक ही छवि बनती है कि इसमें जबरदस्त भ्रष्टाचार हुआ था। लेकिन वह एक ऐसा अवसर था जिसकी हम ब्रांडिंग कर देते, देश की पहचान बना देते, देश के सामर्थ्य को बढ़ा भी देते और देश के सामर्थ्य को दिखा भी देते, लेकिन दुर्भाग्य से वो इवेंट ऐसी चीजों में उलझ गया कि उसमें करने धरने वाले लोग भी बदनाम हुए, देश भी बदनाम हुआ और उससे देश में निराशा पैदा हुई।
जी20 शिखर सम्मेलन से देश के प्रत्येक नागरिक का सीना गर्व से चौंडा हो गया। इस सम्मेलन में ऐसा सामर्थ्य था कि विश्व को उसके दर्शन कराने में हमारी सफलता थी। इससे देश में एक ऐसा विश्वास पैदा हो गया है कि ऐसे किसी भी काम को देश अच्छे से अच्छे ढंग से कर सकता है। पीएम मोदी ने कहा भारत ने आज विश्व के अंदर विश्वास पैदा किया है कि मानव हित के कामों में आज भारत एक सामर्थ्य के साथ खड़ा है, संकट की हर घड़ी में वो दुनिया में पहुंचता है।