Highlights
- मोदी सरकार में बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर में हुआ सुधार
- मोदी सरकार ने 13,020 करोड़ रुपए की योजनाओं को दी मंजूरी
- 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के चक्र के दौरान बीआईएम रहेगा जारी
PM Modi govt 8 years: मोदी सरकार के 8 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर देश मोदी सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों पर चर्चा कर रहा है। बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वह जनता तक सरकार द्वारा किए गए कामों की जानकारी पहुंचाए। इन्हीं चर्चाओं में मोदी सरकार द्वारा बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पर उठाए गए कदम भी शामिल हैं।
मोदी सरकार ने 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग के चक्र के दौरान बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट (बीआईएम) को जारी रखने के लिए 13,020 करोड़ रुपए की सेंट्रल सेक्टर की अंब्रेला योजना को मंजूरी दी है।
मोदी सरकार के इस फैसले से बॉर्डर मैनेजमेंट, पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। अधिकारियों के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय बॉर्डर के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
बीआईएम योजना पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, नेपाल, भूटान और म्यांमार के साथ भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमा बाड़, सीमा बाढ़ रोशनी, तकनीकी समाधान, सीमा सड़कों और सीमा चौकियों (बीओपी) और कंपनी के संचालन अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगी।
पड़ोसी देशों के साथ कितना है बॉर्डर एरिया
बता दें कि पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा 3,323 किमी लंबी है, जिसमें नियंत्रण रेखा का लगभग 775 किमी शामिल है। सीमा की लंबाई बांग्लादेश के साथ 4,096 किमी, चीन के साथ 3,488 किमी, नेपाल के साथ 1,751 किमी, भूटान के साथ 699 किमी, म्यांमार के साथ 1,643 किमी है।
अधिकारियों का कहना है कि सीमाओं को सुरक्षित करने और देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा बनाने की रणनीति के तहत सरकार कई पहल कर रही है। इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार के साथ अपनी सीमाओं पर बाड़ लगाने, फ्लडलाइटिंग और सड़कों का तेजी से निर्माण शामिल है। इसके अलावा चीन, नेपाल और भूटान के साथ अपनी सीमाओं पर रणनीतिक सड़कों का निर्माण भी अहम है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी मशीनरी भी लगाई है।