Highlights
- पीएम मोदी के सपनों का स्टेडियम, जो बना 'नमस्ते ट्रंप' का गवाह
- 'स्टेच्यू आफ यूनिटी' से मोदी ने किया देश को एक सूत्र में पिरोने का काम
- जवानों की वीरगाथा कहता नेशनल वॉर मेमोरियल
PM Modi govt 8 years: पीएम मोदी ने 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही अपने मूलमंत्र में विकास को प्राथमिकता दी । उन्होंने नारा दिया था—'सबका साथ सबका विकास'। उन्होंने 8 साल के कार्यकाल के दौरान कई ऐसे काम कराए, जो देश के विकास का प्रतीक चिह्न बन गए। इनमें स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, वॉर मेमोरियल और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसे बड़े निर्माण कार्य शामिल हैं।
'स्टेच्यू आफ यूनिटी' से मोदी ने किया देश को एक सूत्र में पिरोने का काम
देश के पहले गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश की रियासतों को मिलाकर 'एक भारत' बनाया। उनकी याद में मोदी सरकार ने एक महान स्टेच्यू बनाकर दुनिया को भारत की एकजुटता यानी यूनिटी का बड़ा संदेश दिया। इसके लिए देशभर से लोहा एकत्र किया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का पीएम नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को पटेल जयंती के दिन उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
मोदी के कार्यकाल में शुरू हुआ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
पीएम मोदी ने नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की शुरुआत की। सितंबर 2021 में वे खुद इसके निर्माण की प्रगति का जायजा लेने गए थे। नया संसद भवन पुराने भवन से 17 हजार वर्गमीटर बड़ा होगा। इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से कुल 64500 वर्गमीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इसका ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है और इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। कई वर्षों से नए संसद भवन की मांग की जा रही थी, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में इसका निर्माण शुरू हुआ जो तेजी से जारी है।
पीएम मोदी के सपनों का स्टेडियम, जो बना 'नमस्ते ट्रंप' का गवाह
अहमदाबाद में नमो स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। 2020 की शुरुआत में यह स्टेडियम 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम का गवाह बना था। यह मोदी के सपनों का स्टेडियम है। मोदी चाहते थे कि यहां एक बड़ा स्टेडियम बने। गुजरात की सरकार ने ये कर दिखाया। करीब 63 एकड़ से अधिक एरिया में यह स्टेडियम फैला है। यह ओलिंपिक आकार के 32 फुटबॉल स्टेडियमों के बराबर का स्टेडियम है। एमसीजी की डिजाइन बनाने वाले आस्ट्रेलियाई आर्किटेक्ट फर्म पोपुलस समेत कई विशेषज्ञ इसके निर्माण में शामिल थे। इसमें लाल और काली मिट्टी की 11 पिचें बनाई गई है। यह दुनिया का अकेला स्टेडियम है जिसमें मुख्य और अभ्यास पिचों पर एक सी मिट्टी है। इसमें ऐसा ड्रेनेज सिस्टम लगाया गया है कि बारिश के बाद पानी निकालने के लिये सिर्फ 30 मिनट लगते हैं।
जवानों की वीरगाथा कहता नेशनल वॉर मेमोरियल
फरवरी 2019 में इसका उद्घाटन नरेंद्र मोदी ने किया। देश के लिए शहीद होने वाले जवानों की याद में बना यह वॉर मेमोरियल देश की जनता को यह बताता है कि देश के लिए किस तरह जवान हंसते हंसते शहीद हो जाते हैं। खासकर बच्चों को भी जवानों की यह वीर गाथा इस वॉर मेमोरियल में देखने को मिलती है। यह वॉर मेमोरियल 40 एकड़ जमीन में बना है, जिसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना की 6 अहम लड़ाइयों का जिक्र है। मेमोरियल में करीब 26 हजार सैनिकों के नाम दीवार पर दर्ज किए गए हैं। इसमें चार लेयर बनाई गई हैं, यानी चार चक्र। सबसे अंदर का चक्र अमर चक्र है जिसमें 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जलती रहेगी। यह मोदी सरकार ही है जिसने 50 वर्षों से नई दिल्ली के दिल में बने इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की ज्वाला अब निकट बने नेशनल वॉर मेमोरियल में प्रज्वलित करने का निर्णय लिया।