Saturday, November 02, 2024
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PM Modi govt 8 years: कोरोना काल में कैसे कारगर साबित हुए फ्री राशन और तेजी से वैक्सीनेशन के फैसले?

जब देश में कोविड-19 का पहला केस आया तो मानो जैसे एक अभूतपूर्व और अघोषित और अदृश्य युद्ध की घंटी बज चुकी थी। इस आपदा के दौरान देश के 'कमांडर-इन-चीफ' थे नरेंद्र मोदी। महामारी के दौर में पीएम मोदी के तेज और सटीक फैसले देश के लिए बेहद कारगर साबित हुए।

Written by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: May 30, 2022 9:45 IST
Free ration and corona vaccination led by the Modi government helped the nation in pandemic - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Free ration and corona vaccination led by the Modi government helped the nation in pandemic 

Highlights

  • महामारी में देश ने देखा मोदी के नेतृत्व का असर
  • कोरोना में फ्री राशन से हुई गरीबों की बड़ी मदद
  • सफल बनाया सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान

PM Modi govt 8 years: एक ऐसी महामारी जिसके बारे में ना तो किसी ने सोचा था और ना ही पिछले 100 सालों में किसी ने देखी थी। कभी फिल्मों में जो काल्पनिक दृश्य देखने को मिलते थे, वो अचानक वास्तविकता बनने लगे थे। हर ओर केवल डर, दहशत और लाचारी का माहौल था। हम सबके बीच एक ऐसे दुश्मन ने घुसपैठ की थी, जो ना तो दिखता है और न ही मरता है। ये केवल फैलता है, बीमार करता है और फिर मारता है। 

भारत जैसा एक बड़ी आबादी वाला देश जहां हर तरह का मौसम होता है, ऐसे वातावरण में कोरोना वायरस नाम का ये विषाणु बेहद घातक साबित होने वाला था। जब देश में कोविड-19 का पहला केस आया तो मानो जैसे एक अभूतपूर्व और अघोषित और अदृश्य युद्ध की घंटी बज चुकी थी। इस आपदा के दौरान देश के 'कमांडर-इन-चीफ' थे नरेंद्र मोदी। महामारी के दौर में पीएम मोदी के तेज और सटीक फैसले देश के लिए बेहद कारगर साबित हुए। आपदा के दौरान देश ने देखा कि एक मजबूत नेतृत्व मुश्किल समय में अपनी जनता के हित के लिए बड़े से बड़े फैसले लेने में जरा भी नहीं डिगता। 

कोरोना काल में मोदी सरकार ने लॉकडाउन, फ्री राशन और टीकाकरण से लेकर कई ऐसे सैंकड़ों असरदार फैसले लिए जो महामारी के दौरान देश के लिए बेहद हितकारी साबित हुए। मोदी सरकार के इन्हीं फैसलों में से एक गरीबों को मुफ्त राशन और तेजी से वैक्सीनेशन वो कदम रहे जिनकी वैश्विक स्तर पर भी प्रशंसा हुई।

फ्री राशन से हुआ गरीबों का 'कल्याण'

कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोगों के ऊपर रोजी-रोटी का भयानक संकट आ खड़ा था। या तो लोग बीमारी से मरते या भुखमरी से। महामारी के ऐसे वक्त पर मोदी सरकार ने गरीबों के लिए फ्री राशन योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त देने की घोषणा की गई।

कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मार्च 2020 में ऐलान किया गया था। गरीब कल्याण अन्न योजना का मकसद कोरोना महामारी से पनपे लोगों पर रोजी-रोटी के संकट को कम करना है। शुरुआत में PMGKAY स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था, लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद इसे 31 मार्च 2022 तक बढ़ाया गया और अब फिर से इसे 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत पहचान किए गए 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया जाता है। मुफ्त राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों के जरिए उनको मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा PMGKAY का राशन दिया जाता है।

जितनी लाभकारी ये योजना साबित हुई उतने ही अविश्वसनीय इसके आंकड़े देखने को मिले। इस कार्यक्रम को मार्च 2022 में आगे बढ़ाने के बाद मोदी सरकार ने गरीब परिवारों को 1,003 लाख टन अनाज का वितरण करने का लक्ष्य रखा है जिस पर 3.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अब तक सरकार इस योजना पर 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और अगले 6 महीनों में इस पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना के अब तक पांच चरण चलाए जा चुके हैं। अब तक खाद्य मंत्रालय ने कुल 759 लाख टन खाद्यान्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित किया है।

सुपरफास्ट वैक्सीनेशन से कोरोना को मात

जब देश-दुनिया का कोरोना वायरस से सामना हुआ तो सभी को केवल एक ही चीज का बेसब्री से इंतजार था, वो था कोरोना का टीका। जब पूरी दुनिया वायरस से लड़ना सीख ही रही थी तब भारत कोविड-19 का टीका बनाने की राह पर काफी आगे जा चुका था। तमाम महाशक्तियां कोरोना का टीका बनाने में अभी बहुत पीछे थीं। भारत के अलावा अमेरिका और रूस जैसे कुछ ही देश थे जो कि कोरोना का 

टीका बनाने में सफल हो पाए थे। लेकिन इन सभी की वैक्सीन में सबसे सस्ता टीका भारत ने बनाकर दिखाया था। फिर शुरू हुआ दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश का टीकाकरण।     

देश में 16 जनवरी 2021 को कोविड रोधी टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम के तहत पहले फेज में हेल्‍थवर्कर्स को वैक्‍सीन लगनी शुरू हुई। 2 फरवरी को शुरू हुए दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की शुरुआत हुई। इसके बाद तीसरे फेज में 1 मार्च से 60 साल के ज्‍यादा उम्र वाले और 45 साल से ज्‍यादा उम्र वाले ऐसे लोग पहले से दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे थे, को वैक्‍सीन लगनी शुरू हुई। सरकार ने 1 अप्रैल को 45 साल के ज्‍यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्‍सीनेशन देना शुरू किया। फिर बाद 1 मई को 18 साल से ज्‍यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्‍सीन लगाने का फैसला किया गया। टीकाकरण के ये अलग-अलग चरण और इनकी टाइमिंग ये दिखाती है कि मोदी सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर कितनी तेजी से फैसले लिए।

देश में टीकाकरण कितनी तेजी से हुआ इसका सबूत खुद आंकड़े दे रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पहले 10 करोड़ वैक्‍सीन की डोज लगाने में 85 दिन का समय लगा था। इसके बाद के 45 दिन में देश ने 20 करोड़ और अगले 29 दिन में 30 करोड़ वैक्‍सीनेशन का आंकड़ा पार किया था। 30 करोड़ से 40 करोड़ वैक्‍सीन डोज का सफर देश ने अगले 24 दिन में तय किया और इसके बाद 20 दिन यानी 6 अगस्‍त को वैक्‍सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ के पार चला गया। 

मंत्रालय के मुताबिक, इसके बाद अगले 19 दिन में 60 करोड़ और उसके बाद के 13 दिन में 60 करोड़ से 70 करोड़ वैक्‍सीनेशन का आंकड़ा तय हुआ। 13 सितंबर तक देश में 75 करोड़ से ज्‍यादा वैक्‍सीन की डोज लगाई जा चुकी थी। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक, 27 अगस्‍त को पहली बार देश में 1 करोड़ से ज्‍यादा वैक्‍सीन की डोज लगाई गई थीं, जो कि ऐतिहासिक था। इसके बाद 31 अगस्‍त और 6 सितंबर को भी देशभर में एक करोड़ से ज्‍यादा वैक्‍सीनेशन हुआ। 

वहीं पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्‍मदिन पर भारत ने कोविड-19 वैक्‍सीनेशन का अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया। इस दिन देशभर में 2 करोड़ से ज्‍यादा वैक्‍सीन की डोज लगाई गई थीं। साफ जाहिर है कि कोरोना के खिलाफ पीएम मोदी ने जिस मुस्तैदी से कमान संभाली है, वह वाकई संकटकाल में हितकारी साबित हुई। जिस तेजी से मोदी सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया वह वाकई देश में महामारी को हराने में एक बहुत बड़ा हथियार साबित हुई। 

भारत द्वारा निर्मित कोरोना के टीके से न केवल हिंदुस्तानियों को कोरोना के खिलाफ कवच मिला बल्कि मोदी सरकार ने कई सारें देशों को भी कोरोना की वैक्सीन पहुंचाकर वसुधैव कुटुम्बकम की बात निभाई। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने पिछले साल 31 दिसंबर तक विश्व के 97 देशों को कोरोना रोधी वैक्सीन की 11.54 करोड़ डोज मुहैया कराईं। 

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