गाजियाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को देश की पहली रैपिड रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद स्टेशन से इस ट्रेन को रवाना किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। वहीं पीएम मोदी ने नमो भारत ट्रेन में सफ़र भी किया। इस दौरान उन्होंने ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों व छात्रों से बातचीत भी की।
नमो भारत ट्रेन अपने आप में ही बेहद ख़ास है। इसकी कई खासियतें इसे अलग बनाती हैं। यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। पिछले दिनों जब इसका ट्रायल किया गया था तब ट्रेन की अधिकतम गति 146 किमी प्रति घंटा थी। इस हाई-स्पीड आरआरटीएस ट्रेन में झुकने वाली सीटें और बड़ी खिड़कियों के अलावा, हाई-टेक कोचों में डिजिटल स्क्रीन भी दी जाएगी, जो यात्रियों को किसी भी समय ट्रेन का रूट, स्पीड दिखाएगी।
नमो भारत ट्रेन बुलेट और मेट्रो ट्रेन जैसी दिखती है
अगर बात करें इसके लुक की तो नमो भारत ट्रेन बुलेट और मेट्रो ट्रेन जैसी दिखती है। इसके दरवाजे मेट्रो जैसी ही खुलते और बंद होते हैं। इसकी सीटें राजधानी ट्रेन जैसी लग्जरी सीटों की तरह बनाई गई हैं। अभी इसमें 6 कोच लगाए गए हैं, जिसमें एक महिलाओं के लिए आरक्षित होगा तो एक प्रीमियम कोच होगा। प्रीमियम कोच में रिक्लाइनिंग सीटें, कोट हुक, मैगजीन होल्डर और फुटरेस्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
प्रीमियम टिकट धारकों के लिए स्टेशनों पर एक वेटिंग लाउंज
इसके अलावा ट्रेन के सभी कोच में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने का स्थान और एक इन्फोटेक सिस्टम भी होगा। इसके साथ ही इसमें मेट्रो की तरह बीच में खड़े होने के लिए भी हैंड होल्डर लगे हुए हैं। वहीं सीटें 2X2 वाली होंगी। वहीं ये हर स्टेशन पर ट्रेनें 30 सेकंड के लिए रुकेंगी। वहीं प्रीमियम टिकट धारकों के लिए स्टेशनों पर एक वेटिंग लाउंज भी होगा।
लगभग 82 किलोमीटर का होगा पूरा गलियारा
बता दें कि दें कि 30,274 करोड़ रुपये की परियोजना का पूरा गलियारा 82 किलोमीटर लंबा होगा और दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से मेरठ के मोदीपुरम तक फैला होगा। मेल एक्सप्रेस ट्रेन में मेरठ और दिल्ली के बीच डेढ़ घंटे और लोकल ट्रेन में दो घंटे का समय लगता है, लेकिन आरआरटीएस में केवल 55-60 मिनट लगेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट को जून 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। बता दें कि इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को की थी।