प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए देशभर में 8 नए हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर बनाने के फैसले को मंजूरी दी है। दी गई जानकारी के मुताबिक, इन 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं की कुल लंबाई 936 किलोमीटर होने जा रही है। वहीं, इस पूरी परियोजना की कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये की होगी। आइए जानते हैं कि ये 8 नए कॉरिडोर देश में कहां-कहां पर बनेंगे।
कहां-कहां पर बनेंगे 8 कॉरिडोर?
- 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 4-लेन खड़गपुर - मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 6-लेन थराद - दीसा - मेहसाणा - अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 4-लेन अयोध्या रिंग रोड
- रायपुर-रांची नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर के बीच पत्थलगांव और गुमला 4-लेन का सेक्शन
- 6-लेन कानपुर रिंग रोड
- 4-लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार
- 8-लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर, पुणे के पास
8 नए राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर के निम्नलिखित फायदे होंगे-:
- आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50% कम हो जाएगा।
- खड़गपुर-मोरेग्राम कॉरिडोर पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्व की अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए फायदेमंद होगा।
- कानपुर रिंग रोड द्वारा कानपुर के आसपास राजमार्ग नेटवर्क को भीड़भाड़ से मुक्त किया जाएगा।
- रायपुर-रांची कॉरिडोर के पूरा होने से झारखंड और छत्तीसगढ़ का विकास बढ़ेगा।
- थराद और अहमदाबाद के बीच नया गलियारा गुजरात में हाई स्पीड रोड नेटवर्क को पूरा करने के लिए है जो निर्बाध बंदरगाह कनेक्टिविटी और कम रसद लागत में मदद करेगा।
2047 तक 30+ ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य
केंद्र सरकार के कॉरिडोर बनाने के दृष्टिकोण ने साल 2024 तक भारत को 30+ ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने में सहायता के लिए GSTN और टोल डाटा पर आधारित वैज्ञानिक परिवहन अध्ययन के माध्यम से 50,000 किमी हाई-स्पीड हाईवे कॉरिडोर के नेटवर्क की पहचान की है।
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