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जल मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को पीएम ने किया संबोधित, राज्यों में पानी के बंटवारे के विवाद पर कही ये बात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जल संरक्षण के अभियानों में लोगों की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अकेले सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं हो सकता।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Jan 05, 2023 13:00 IST, Updated : Jan 05, 2023 13:00 IST
पीएम मोदी ने राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित
Image Source : ANI पीएम मोदी ने राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जल संरक्षण के अभियानों में लोगों की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अकेले सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं हो सकता। राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय का विषय होना चाहिए और शहरीकरण की तेज गति को देखते हुए उन्हें पहले से ही इसके लिए योजना तैयार करनी चाहिए। 

"मनरेगा के तहत पानी पर ज्यादा से ज्यादा काम हो"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी के कई मायने हैं, क्योंकि दशकों से कई राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मनरेगा के तहत, ज्यादा से ज्यादा काम पानी पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना होगा। मोदी ने कहा, ‘‘जब किसी अभियान से जनता जुड़ती है तो उसे उसकी गंभीरता का भी पता चलता है।’’ 

"ग्राम पंचायतें जल आपूर्ति प्रबंधन पर बनाएं प्लान"
पीएम मोदी ने कहा कि ग्राम पंचायतों को अगले पांच सालों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए, जहां जल आपूर्ति से लेकर स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन तक एक रोडमैप पर विचार किया जाना चाहिए। प्रत्येक ग्राम पंचायत भी एक मासिक या त्रैमासिक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कर सकती है, जिसमें गांव में नल का पानी प्राप्त करने वाले घरों की संख्या बताई गई हो। उन्होंने आगे कहा कि पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर पानी की जांच की व्यवस्था भी विकसित की जानी चाहिए।

"जल को सहयोग और समन्वय का विषय बनाएं राज्य"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 'प्रति बूंद अधिक फसल' अभियान के तहत देश में अब तक 70 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया गया है। मोदी ने कहा, हमारी नदियां, हमारे जल निकाय पूरे जल पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन हर घर को पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य का एक प्रमुख विकास पैरामीटर है। नमामि गंगे मिशन को खाका बनाकर अन्य राज्य भी नदियों के संरक्षण के लिए इसी तरह के अभियान चला सकते हैं। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जल को सहयोग और समन्वय का विषय बनाना प्रत्येक राज्य का उत्तरदायित्व है।

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