नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का सदन में जवाब देंगे। जानकारी के मुताबिक शाम करीब 5 बजे प्रधानमंत्री का संबोधन होगा। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी के आरोपों पर भी पलटवार कर सकते हैं। राहुल गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा के दौरान कारोबारी गौतम अडानी का नाम लेकर सरकार और खासकर पीएम मोदी पर सीधे आरोप लगाए हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 2014 में मोदी के दिल्ली के आने के बाद ऐसा ‘असली जादू’ हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि मौजूदा सरकार के दौरान नियम बदलकर हवाई अड्डों के ठेके अडाणी समूह को दिए गए तथा प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के बाद दूसरे देशों में भी इस उद्योगपति को कई व्यावसायिक ठेके मिले। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘अडाणी जी आपके साथ कितनी बार विदेश गए? आपके विदेश जाने के बाद अडाणी जी कितनी बार वह देश गए? कितनी बार ऐसा हुआ कि किसी देश में आपके दौरे के बाद अडाणी को ठेका मिला? अडाणी जी ने पिछले 20 साल में भाजपा को कितना पैसा दिया? चुनावी बॉन्ड में कितना पैसा दिया?’
सदन में राहुल गांधी के वक्तव्य के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता को लोकसभा में ‘तथ्यहीन आरोप’ नहीं लगाने चाहिए। राहुल गांधी ने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री जब 2014 में दिल्ली आते हैं तो असली जादू शुरू होता है। 2014 में अडाणी अमीरों की सूची में 609वें नंबर पर थे, फिर आठ वर्षों में वह दूसरे स्थान पर आ गए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि नियम बदलकर अडाणी को छह हवाई अड्डे दिए गए।
उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसी का दुरुपयोग करके मुंबई हवाई अड्डा अडाणी के हाथों में दे दिया गया। इस पर हस्तक्षेप करते हुए रीजीजू ने कहा, ‘बिना तथ्य के आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है। अगर आरोप लगा रहे हैं तो दस्तावेज रखना पड़ेगा।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और वहां एक ठेका मिलता है जिस पर स्टेट बैंक से अडाणी समूह को एक अरब डॉलर का कर्ज दिया जाता है। प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाते है और कुछ दिनों बाद बांग्लादेश का 1500 मेगावाट बिजली का ठेका अडाणी समूह को मिल जाता है।’ उन्होंने दावा किया कि यह हिंदुस्तान की विदेश नीति नहीं है, यह ‘अडाणी जी की विदेश नीति’ है।
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