Highlights
- दुश्मनों के उड़ जाएंगो होश, नई टेक्नोलॉजी से लैस Pinaka-ER रॉकेट लॉन्चर का सफल परीक्षण किया गया
- पिनाका-ER की कुल रेंज 70 किलोमीटर है
- सटीकता के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न रेंज और वारहेड क्षमताओं के लिए 24 रॉकेट दागे गए
जैसलमेर: सेना ने उन्नत नौवहन एवं नियंत्रण प्रणाली से लैस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली पिनाक-ईआर का जैसलमेर की पोखरण रेंज में सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार सभी परीक्षण होने के बाद अब उद्योग साझेदार रॉकेट प्रणाली की पूरी श्रृंखला के उत्पादन के लिये तैयार हैं। एक आधिकारिक बयान में बताया गया, “ पिनाक विस्तृत मारक प्रणाली, एरिया डिनायल म्यूनिशंस (एडीएम) और न्यू इंडीजीनियस फ्यूज(नव स्वदेशी विस्फोटक) का सफल परीक्षण विभिन्न परीक्षण स्थलों पर हुआ। पिनाक- ईआर मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली का कामयाब परीक्षण पोखरण रेंज में किया गया।
इस प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं- पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीई) तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है। इसके अनुसार सेना के साथ डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों के दौरान फील्ड फायरिंग रेंज में इन रॉकेटों की मारक क्षमता का मूल्यांकन एवं परीक्षण किया। इन परीक्षणों में, उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाक रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ भिन्न-भिन्न दूरी से किया गया। सारे परीक्षण लक्ष्यों की पूर्ति संतोषजनक रही।
बयान में कहा गया कि विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। इसके साथ ही उद्योग साझेदार द्वारा पिनाक-ईआर की प्रौद्योगिकी के शुरूआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसके निर्माण में उद्योग भी सफल रहा। अब उद्योग साझेदार रॉकेट प्रणाली की पूरी श्रृंखला के उत्पादन के लिये तैयार है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अनुसार, Pinaka का अपग्रेड वर्जन ही पिनाका-ER है।
बयान के अनुसार पिनाक-ईआर पुराने पिनाक संस्करण का उन्नत संस्करण है। पहले वाले पिनाक रॉकेट पिछले एक दशक से भारतीय सेना में शामिल हैं। इस प्रणाली की डिजाइन को मारक दूरी बढ़ाने की उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ नई जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पिनाक के लिये एआरडीई, पुणे द्वारा डिजाइन किये गये एरिया डिनाइल म्यूनिशन (एडीएम) का निर्माण उद्योग साझेदारों ने किया है। इसकी प्रौद्योगिकी भी उन्हें प्रदान की गई थी। इन युद्ध सामग्रियों का कामयाब परीक्षण पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया। इन परीक्षणों का उद्देश्य यह परखना भी था कि प्रौद्योगिकी को उद्योग साझेदारों ने किस तरह अपनाया है।
बता दें कि, पिछले कुछ समय से चीन के साथ चले आ रहे गतिरोध को देखते हुए Pinaka को हाल ही में चीन बॉर्डर पर तैनात किया गया है। पिनाका-ER की कुल रेंज 70 किलोमीटर है जो मौजूदा पिनाका की 45 किलोमीटर रेंज से 25 किलोमीटर अधिक है। पिनाक रॉकेट सिस्टम केवल 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता रखता है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है। इसे भारत और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है।
डीआरडीओ और IAF ने SANT मिसाइल का सफल परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने शनिवार को राजस्थान के पोखरण रेंज में हेलिकॉप्टर से दागी जाने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया। स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल (SANT) का पोखरण रेंज में टेस्ट किया गया। स्वदेश में डिजाइन व विकसित की गई इस मिसाइल को हेलिकॉप्टर से 10 किलोमीटर तक की रेंज में दागा जा सकता है। स्टेट ऑफ द आर्ट मिलीमीटर से सुसज्जित इस मिसाइल को सुरक्षित स्थान से तीव्रता और सटीकता के साथ छोड़ा जा सकता है। इसमें एडवांस गाइडेंस और ट्रैकिंग एल्गोरिदम शामिल है, जो कि सॉफ्टवेयर से कनेक्टेड होकर बेहतर तरीके संचालित होती है और मिशन से जुड़ी सभी घटनाओं की निगरानी करती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी है। डीआरडीओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस मिसाइल का स्लो मोशन वीडियो रिलीज किया, जिसमें हेलिकॉप्टर से इस मिसाइल को छोड़े जाने की तस्वीरों को देखा जा सकता है। स्वदेशी हथियार निर्माण की श्रंखला में SANT मिसाइल का टेस्ट तीसरा परीक्षण है।