Friday, November 22, 2024
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केदारनाथ में आमरण अनशन पर बैठे तीर्थ पुरोहित, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोकने की धमकी; जानें क्या है इनके आंदोलन की वजह

केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित समाज की मुख्य संस्था केदार सभा के आह्वान पर पिछले 4 दिनों से यह आंदोलन चल रहा है। मंगलवार को भी खराब मौसम के बीच आंदोलन स्थल पर तंबुओं में दो तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन पर डटे रहे।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 20, 2023 11:17 IST
kedarnath dham- India TV Hindi
Image Source : PTI केदारनाथ धाम

रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी आपदा की भेंट चढ़ चुके अपने भवनों और दुकानों के साथ भूमि का मालिकाना हक दिए जाने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। इस बीच, सोमवार से आमरण अनशन पर बैठे दो तीर्थ पुरोहितों में से एक का स्वास्थ्य खराब हो गया और उन्हें केदारनाथ में ही एक अस्पताल में ले जाना पड़ा। केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित समाज की मुख्य संस्था केदार सभा के आह्वान पर पिछले चार दिनों से यह आंदोलन चल रहा है। मंगलवार को भी खराब मौसम के बीच आंदोलन स्थल पर तंबुओं में दो तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन पर डटे रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं होने पर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोक दिया जाएगा।

क्या है तीर्थ पुरोहितों की 4 मांगें?

केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी पिछले 10 साल से केदारनाथ आपदा की भेंट चढ़ गए भवनों, दुकानों और भूमि का मालिकाना हक दिए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इस पर उत्तराखंड सरकार का रवैया टालमटोल वाला रहा है। उन्होंने बताया कि जिन चार सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है उनमें मुख्य रूप से-

  1. 2013 की आपदा में पूरी तरह बह गए भवनों के मालिकों को भूस्वामित्व के साथ नए भवन देने की मांग
  2. मंदिर के चबूतरे के निर्माण के लिए जिन परिवारों की भूमि अधिग्रहीत की गई उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भूस्वामित्व के साथ भवन दिए जाने की मांग
  3. जिन तीर्थ पुरोहितों के साथ अनुबंध के आधार पर भवन अधिग्रहण किया गया हो, उनके भवन जल्द तैयार कर भूस्वामित्व के साथ सौंपे जाने की मांग
  4. केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाए गए सोने की उच्च स्तरीय जांच की मांग शामिल हैं।

केदारनाथ में चल रहे कार्यों को बंद कराने की चेतावनी
तिवारी ने कहा कि केदारनाथ में 4 दिन से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार का रवैया अभी भी उदासीनता से भरा हुआ है। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन चंद्र बगवाड़ी ने भी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इस मामले पर बातचीत के लिए आगे क्यों नहीं आ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार का ऐसा ही रुख रहा तो गुरुवार से केदारनाथ में चल रहे कार्यों को बंद कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। केदारनाथ में आंदोलन के चलते एक दिन बाजार बंद रखा गया और केदार सभा के सदस्य एक दिन का क्रमिक अनशन भी कर चुके हैं।

सोमवार से दो तीर्थ पुरोहित संदीप सेमवाल और कमल तिवारी आंदोलन स्थल पर एक तंबू के भीतर आमरण अनशन पर डटे हैं। केदार सभा के अध्यक्ष तिवारी का कहना है कि आमरण अनशन पर बैठे एक साथी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। आंदोलनरत लोगों ने कहा कि 2013 में आई केदारनाथ आपदा के समय पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवनों और दुकानों को पुनः बना कर देने का वादा किया गया था लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कुछ भवनों का निर्माण हुआ है लेकिन उनका मालिकाना हक नहीं मिलने से लोग भविष्य को लेकर आशंकित हैं। उन्होंने कहा कि मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।

केदारनाथ विकास प्राधिकरण का क्या है रुख?
केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य विकास अधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘हम लगातार तीर्थ पुरोहितों के संपर्क में हैं।’’ उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के आवास के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है और इस सीजन के अंत तक आवास तैयार होने के बाद वे उन्हें वितरित कर दिए जाएंगे। सिंह ने कहा कि इस संबंध में पूर्व में तीर्थ पुरोहितों के साथ अनुबंध हुए थे जिनके सभी रिकॉर्ड उनके पास हैं। सिंह ने स्पष्ट किया, ‘‘मसला भूभिधरी का हो या आवंटन का, भवन अभी निर्माणाधीन हैं और कागजातों में आवंटन कर दिया गया है। तीर्थ पुरोहितों के साथ 2016 और 2018 में हुए अनुबंधों की पूर्ति की जा रही है।’’ अधिकारी ने इस बात को गलत बताया कि सरकार की मंशा अपने अनुबंध पूरे करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में निर्माण कार्य की परिस्थितियां अलग हैं और यहां काम करने के लिए बहुत कम समय मिलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो साल से हम इन्ही अनुबंधों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों को भवन और भूमि का अधिकार दिए जाने के संबंध में जो भी नियमसंगत होगा, वह किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने केदार सभा को यह जानकारी दे दी है और व्यक्तिगत रुप से जिसने भी जानकारी लेनी चाही उन्हें भी यह बात बता चुके हैं।’’

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