Highlights
- PFI के मीनचंथा स्थित दफ्तर में अब बहुत हलचल नहीं दिख रही।
- PFI के केरल हेडक्वॉर्टर को ‘यूनिटी हाउस’ के नाम से जाना जाता है।
- PFI की स्थापना तमिलनाडु के 3 संगठनों का विलय कर की गयी थी।
PFI Ban: केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है। केंद्र सरकार के इस कदम के बाद 2 हफ्ते पहले तक PFI का जो दफ्तर गहमा गहमी से भरा रहता था, आज वहां वीराना है। बता दें कि कुछ दिन पहले तक PFI के केरल हेडक्वॉर्टर पर 17 सितंबर की रैली को लेकर काफी चहल पहल हुआ करती थी, और यहां आने वालों का जमावड़ा लगा रहता था। हालांकि 17 सितंबर को हुई यह रैली PFI के लिए घातक साबित हुई है।
रैली में RSS के खिलाफ दिए गए थे भड़काऊ भाषण
बता दें कि इस रैली में PFI और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) के खिलाफ जमकर भड़काऊ भाषण दिए थे। इसके कुछ ही दिन बात NIA के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने मिलकर देशभर में इस कट्टर इस्लामिक संगठन के खिलाफ कार्रवाई की और एक दशक पहले संगठन की स्थापना करने वाले इसके नेताओं सहित कई प्रमुख लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद से PFI के मीनचंथा स्थित दफ्तर में बहुत हलचल नहीं दिखी और इस्लामिक स्टेट से संबंध होने के आरोप में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बुधवार को यहां वीराना छाया रहा।
मुस्लिम समुदाय के कुछ धड़ों में काफी लोकप्रिय है PFI
आपको बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का हेडक्वॉर्टर दिल्ली में है, लेकिन अध्यक्ष ओएम अब्दुल सलाम, महासचिव नसरुदीन इलामारम, पूर्व अध्यक्ष ई. अबूबाकर और ई. एम. अब्दुल रहीम और संगठन के विचारक पी. कोया ज्यादातर काम केरल हेडक्वॉर्टर से ही करते थे, जिसे ‘यूनिटी हाउस’ के नाम से जाना जाता है। संगठन मुस्लिम समुदाय के कुछ धड़ों में बहुत लोकप्रिय है जिसकी वजह से हजारों लोगों ने ‘गणतंत्र की रक्षा’ थीम से आयोजित रैली में हिस्सा लिया।
SDPI की गतिविधियों पर भी है एजेंसियों की नजर
17 सितंबर की रैली में सक्रिय रहे कुछ स्थानीय लेकिन प्रमुख नेता PFI से जुड़ी पहचान को छिपा रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि वे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का हिस्सा है। SDPI, PFI की राजनीतिक शाखा है और उस पर भी सुरक्षा एजेंसियों की नजर है। PFI के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मौजूदा नेताओं और उनकी गतिविधियों की जानकारी नहीं है। इस संगठन की स्थापना वर्ष 2006 में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के 3 संगठनों का विलय कर की गयी थी।
SIMI और JMB से जुड़े मिले PFI नेताओं के तार
बता दें कि 16 साल पुराने संगठन PFI के खिलाफ मंगलवार को 7 राज्यों में छापेमारी के बाद 150 से ज्यादा लोगों लोगों को पकड़ा गया था। इससे 5 दिन पहले भी देशभर में PFI से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और करीब 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था, और संपत्तियों को भी जब्त किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, PFI के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (SIMI) के नेता हैं और PFI के तार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से भी जुड़े हैं। JMB और SIMI दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।