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PFI पर बैन से गुस्सा है जमात-ए-इस्लामी हिंद, कहा- सरकार हटाए प्रतिबंध

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि एक पूरे संगठन के खिलाफ निराधार आधार पर कार्रवाई अनुचित और अलोकतांत्रिक है। उन्होंने अन्य कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ भी सवाल उठाए।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Sep 28, 2022 22:45 IST, Updated : Sep 28, 2022 22:45 IST
PFI Ban
Image Source : PTI PFI Ban

Highlights

  • : PFI पर बैन से गुस्सा है जमात-ए-इस्लामी
  • कहा- सरकार हटाए प्रतिबंध
  • सरकार पर उठाए और कई सवाल

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध का विरोध करते हुए कहा कि एक पूरे संगठन के खिलाफ निराधार आधार पर कार्रवाई अनुचित और अलोकतांत्रिक है। उन्होंने अन्य कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ भी सवाल उठाए। जेआईएच के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने एक बयान में कहा, जमात-ए-इस्लामी हिंद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले पर असहमति व्यक्त करता है। सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने कहा कि किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना न तो समाधान है और न ही यह लोकतांत्रिक समाज के अनुकूल है। संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की संस्कृति अपने आप में संविधान द्वारा संरक्षित मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है और लोकतांत्रिक भावना और बुनियादी नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

संगठन को बैन करना सही नहीं

हुसैनी ने कहा कि उन्होंने हमेशा कई मामलों में पीएफआई का विरोध किया है लेकिन किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने और उसके कार्यकतार्ओं को परेशान करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन का कर्तव्य है। यदि कोई व्यक्ति कानून तोड़ता है या कोई अपराध करता है, तो उस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है और कानून और अदालतों के प्रावधानों के अनुसार निपटा जा सकता है। एक पूरे संगठन को कमजोर और निराधार आधार पर प्रतिबंधित करना अनुचित और अलोकतांत्रिक है।

बैन हटाने की मांग की

जेआईएच के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने आगे कहा कि हाल ही में हमने कई कट्टरपंथी समूहों को खुले तौर पर नफरत फैलाने और हिंसा का आह्वान करते हुए देखा है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसलिए, प्रतिबंध चयनात्मक, भेदभावपूर्ण और पक्षपातपूर्ण प्रतीत होता है। इससे लोगों और सरकार के बीच विश्वास की कमी बढ़ेगी और देश में गलत संदेश जाएगा। हम मांग करते हैं कि प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटाया जाए।

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