Highlights
- तेल की कीमतें कम करने पर संजय राउत ने केंद्र पर साधा निशाना
- हमारे हजारों करोड़ रुपये केंद्र सरकार के ऊपर हैं बकाया: राउत
- अब राज्यों की जिम्मेदारी, केंद्र की बात मान वैट करें कम: मायावती
Sanjay Raut On Petrol-Diesel Price: केंद्र सरकार ने बीते दिन एक बार फिर पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है। इसके बाद राजस्थान और केरल राज्य ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया है। वहीं, महाराष्ट्र में तेल की कीमतों में वैट घटाने को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अभी तक महाराष्ट्र की जीएसटी की रकम लौटाई नहीं है, अगर वह रकम लौटा दे तो हम भी इस संबंध में कुछ करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे हजारों करोड़ रुपये केंद्र सरकार के ऊपर बकाया हैं। वहीं, उन्होंने यह भी कहा, "पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने का फैसला मुख्यमंत्री लेंगे, लेकिन केंद्र सरकार पहले 15 रुपये बढ़ाती है और फिर बाद में 9 रुपये कम करती है। तेल की कीमतों को कम करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की ही है।"
पाकिस्तान जाइए और दाउद को पकड़ कर मुंबई लाइए- राउत
वहीं, राउत ने दाउद को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "40 साल से कितनी सरकार केंद्र में आई और चली गई, सबके मुंह में एक ही नाम है दाऊद। केंद्र सरकार को मालूम है कि दाऊद कहां, किस स्थिति में है, तो पाकिस्तान जाइए और उसे पकड़ कर मुंबई लाइए। वो मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट का सबसे बड़ा गुनहगार है."
उन्होंने कहा, "जिस तरह से अमेरिका ने लादेन को मारा था। उसी तरह से मोदी सरकार को भी दाऊद को पकड़ कर लाना चाहिए। सिर्फ दाऊद- दाऊद करते रहने से कुछ नहीं होगा। संजय राउत ने केंद्र पर यह हमला पत्रकारों के नवाब मलिक और दाऊद इब्राहिम के संबंध में सवाल पर किया।
मायावती का ट्वीट, राज्य तत्काल वैट करें कम
वहीं, केंद्र की ओर से तेल की कीमतों में राहत देने पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने राज्यों को तेल पर वैट कम करने की सलाह दी। उन्होंने ट्वीट किया, "काफी समय बाद अब केंद्र ने देश में हर तरफ बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व तनाव आदि की मार से त्रस्त बदहाल जीवन जीने को मजबूर लोगों को पेट्रोल-डीजल के शुल्क में थोड़ी राहत दी है, अब यूपी व अन्य राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे केंद्र की बात मानकर इन पर तत्काल वैट कम करें।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "इसी प्रकार, अब समय आ गया है कि केंद्र व राज्य सरकारें, राजनीतिक स्वार्थ व आपसी नफा-नुकसान को त्यागते हुए, साथ मिलकर दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही इन राष्ट्रीय समस्याओं पर समुचित ध्यान दें, ताकि यहां आम जनजीवन सामान्य हो सके।"