जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के धांगरी गांव में एक घर पर आतंकवादी हमले से कुछ मिनट पहले एक पालतू कुत्ते के भौंकने से उसका मालिक सतर्क हो गया, जिसकी मदद से पड़ोस के कम से कम तीन परिवार उजड़ने से बच गए। अधिकारियों के मुताबिक अपर धांगरी गांव में रविवार को चार मकानों पर आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के चार लोगों की मौत हो गयी और छह अन्य घायल हो गए। हालांकि, निर्मल देवी का परिवार अपने पालतू जानवर 'माइकल' को उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दे सकता है।
आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी
कुत्ते के तेज भौंकने से निर्मल देवी और उनकी पोती सतर्क हो गईं, जो बाहर जाकर पता लगाने लगीं कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है। उन्होंने जल्द ही एके-राइफलों की खड़खड़ाहट सुनी, क्योंकि परिवार को मारने के लिए परिसर में घुसे आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी। निर्मल देवी ने कहा, ''मैं और मेरी पोती रसोई में थे, जब हमारा पालतू कुत्ता तेज आवाज में भौंकने लगा। मेरी पोती ने मुझे बताया कि माइकल कभी भी तेज आवाज में नहीं भौंकता जब तक कि कोई खतरा न हो।'' माइकल, निर्मल देवी के घर के मुख्य द्वार के पास बंधा हुआ था, उसने स्पष्ट रूप से आतंकवादियों को परिसर की ओर बढ़ते हुए देखा और खतरे के बारे में परिवार को चेतावनी देने के लिए भौंका।
जान पर खेलकर बचाई मालिक की जान
निर्मल देवी ने कहा, ''मैं चिंतित हो गई और उस कमरे की ओर भागी जहां मेरे पति सो रहे थे। मैंने कमरे में बाहर से कुंडी लगा दी और फिर मुख्य द्वार पर ताला लगाने के लिए दौड़ पड़ी।'' उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने माइकल पर गोली चलाई लेकिन वह बाल-बाल बच गया। जिस स्थान पर उसे बांधा गया था, वहां गोलियों के निशान दिखाई देते हैं।
निर्मल देवी ने कहा, ''माइकल के भौंकने बंद करने के बाद, दो आतंकवादी एक कमरे में घुस गए, टेलीविजन पर गोलीबारी की और वहां से भाग निकले।'' निर्मल देवी ने कहा कि माइकल की सतर्कता ने उनके परिवार को बचा लिया। गौरतलब है कि राजौरी के धांगरी गांव में दो आतंकी हमलों में छह लोगों की मौत के बाद जिले में सुरक्षा कर्मी हाई अलर्ट पर हैं।