उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरार आने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भूधंसाव का दायरा बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में हैं। लोग डर के साए में जीने को मजबूर है। उधर, स्थानीय लोगों की सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है। गुस्साए लोगों ने बद्रनाथ हाईवे जाम कर दिया। इन सब के बीच उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। यह बैठक शाम 6 बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चौथे फ्लोर पर होगी।
सीएम धामी के निर्देश पर विशेषज्ञों की टीम पहुंची जोशीमठ
बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे।उधर आज सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डॉ.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है। गढ़वाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।
इलाके में निर्माण कार्यों और रोपवे पर रोक
जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए इलाके के विभिन्न निर्माण कार्यों के साथ ही जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोक दिया है। प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए हैं।
प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लॉक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है।
भू धंसाव की जद में आए भवनों की पहचान की जा रही
भू-धंसाव बढ़ने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है।
सुरक्षाबल, एनडीआरएफ अलर्ट मोड पर
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डॉ.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।