चंडीगढ़: पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात महिला स्क्वाड्रन लीडर अर्शिता जयसवाल 9 दिनों जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ती रही। डॉक्टरों ने महिला जवान को बचाने के लिए पूरे प्रयास किए, लेकिन इसके बावजूद बचाया नहीं जा सका। अर्शिता की रविवार को पंचकूला में सेना के कमांड अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत हो गई।
एयरफोर्स मेस में काम करने वाले एक सर्विसमैन ने किया था हमला
बता दें कि पठानकोट में 17 जुलाई को स्क्वाड्रन लीडर अर्शिता जयसवाल पर एयरफोर्स मेस में काम करने वाले एक सर्विसमैन ने जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। सर्विसमैन महिला अधिकारी के घर में चोरी के इरादे से घुसा था। इस दौरान अर्शिता ने उसे देख लिया। वह पकड़ा ना जाए इसके लिए आरोपी ने एयरफोर्स महिला अधिकारी पर तेजधार हथियार से कई वार किए थे। जिसके चलते पीड़िता के सिर पर गंभीर चोटें आई थी।
आरोपी को 17 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था
पठानकोट पुलिस ने सीसीटीवी के आधार पर आरोपी को 17 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था। हमले के बाद महिला स्क्वाड्रन लीडर को गंभीर हालत में चंडीगढ़ रेफर किया गया था। जिसके बाद से उनका इलाज पंचकूला स्थित सेना के पश्चिमी कमान के कमांड अस्पताल में चल रहा था। जहां आज रविवार को इलाज के दौरान स्क्वाड्रन लीडर अर्शिता जयसवाल की मौत हो गई।
आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह स्वीकार कर लिया
पुलिस ने बताया है कि आरोपी ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आरोपी मक्खण सिंह ने महिला स्क्वाड्रन लीडर अर्शिता जयसवाल के घर की करीब आधा घंटा पहले रेकी की थी। उसके बाद जब वह चोरी को अंजाम देने महिला के घर में घुसा तो पकड़ा गया। इज्सके बाद आरोपी ने महिला अधिकारी के ऊपर चाक़ू से हमला कर दिया था।
रिपोर्ट - उमंग
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