लोकसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले आज से संसद का आखिरी सत्र शुरू हो रहा है। ये पहला मौका होगा जब नई पार्लियामेंट में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा और उसके अगले दिन यानी 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। हमेशा की तरह संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मीडिया से बात कर सकते हैं। ये सत्र बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस बार नई बिल्डिंग ही नहीं है, बल्कि कई नए प्रतीक भी गढ़े जाने हैं। इन नई परंपराओं के बारे में जानने से पहले ये समझ लीजिए कि इस बजट सत्र में क्या होने वाला है।
31 जनवरी से 9 फरवरी तक सत्र
- संसद का सत्र आज 31 जनवरी से शुरू होकर 9 फरवरी तक चलेगा।
- आज संसद के सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार नई बिल्डिंग में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी।
- कल 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी।
- उसके बाद संसद में जम्मू कश्मीर का बजट पेश किया जाएगा।
- सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चर्चा का जवाब देंगे।
नई परंपरा की हो सकती है शुरुआत
आज बजट सत्र के दौरान एक नई परंपरा की शुरुआत हो सकती है। आज जब राष्ट्रपति अभिभाषण के लिए संसद भवन जाएंगी तो वो गज द्वार से प्रवेश करेंगी। संसद में प्रवेश के समय सबसे आगे सेंगोल भी हो सकता है। ये वही सेंगोल है जिसे संसद की नई बिल्डिंग में स्थापित किया गया है। संसद का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सरकार ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर सहमति बनाने की कोशिश की।
सरकार की विपक्षी दलों को नसीहत
बता दें कि सत्र से पहले विपक्ष के 146 सांसदों का निलंबन भी रद्द कर दिया गया है। ऑल पार्टी मीटिंग में तीस पार्टियों के 45 नेता शामिल हुए। सरकार ने कहा कि वो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही चेतावनी भी दी कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी।
सत्र के हंगामेदार होने के आसार
संसद के इस सत्र के बाद सभी पार्टियों को जनता के बीच जाना है इसलिए विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता। ऑल पार्टी मीटिंग में विपक्ष ने अपने तेवर दिखा दिए हैं। सपा और कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों ने सत्र से पहले अपना एजेंडा साफ कर दिया है। संसद का ये सत्र हंगामेदार हो सकता है, विपक्ष और सरकार दोनों के पास ये संसद में आखिरी मौका है इसलिए दोनों की रणनीति तैयार है। सरकार के सामने चुनौती अंतरिम बजट की है जिसका सीधा मैसेज जनता के बीच जाएगा इसलिए निगाहें निर्मला सीतरामण की पोटली की ओर भी रहेंगी।
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