अमृतपाल सिंह के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह को सोमवार को अमृतसर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया था। पपलप्रीत को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि पपलप्रीत को अमृतपाल का ‘गुरु’ माना जाता है और वह कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था। खबर है कि अमृतसर से गिरफ्तार करने के बाद पापलप्रीत सिंह को असम की हाई-सिक्योरिटी डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया है। बता दें कि NSA (रासुका) कानून बिना कोई चार्ज लगाए आरोपी को एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत पिछले महीने पुलिस के बिछाए जाल से बचकर भागने में कामयाब रहे थे।
डिब्रूगढ़ जेल में रखे गए अमृतपाल के 8 और सहयोगी
अब तक अमृतपाल सिंह के आठ करीबी सहयोगियों को हाई-सिक्योरिटी वाली डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया है और उन सभी पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है। अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को 21 मार्च को डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था। उसके छह दिन बाद, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, एक सेवानिवृत्त सेना कांस्टेबल, जो अमृतपाल के अंगरक्षक थे, को भी असम की जेल के लिए रवाना किया गया था। अब पपलप्रीत को भी गिरफ्तारी के बाद असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है।
पपलप्रीत के खिलाफ 6 और मामले दर्ज
कल गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने बताया था, ‘‘पपलप्रीत अमृतपाल सिंह का प्रमुख सहयोगी है। उसे अमृतसर के कथूनांगल इलाके से पकड़ा गया।’’ उन्होंने बताया कि पपलप्रीत को रासुका के तहत हिरासत में लिया गया है और उसके खिलाफ 6 अन्य मामले भी दर्ज हैं। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि पपलप्रीत को पंजाब पुलिस ने एक अभियान में गिरफ्तार किया जिसमें उसकी खुफिया ईकाई भी शामिल थी।
अमृतपाल की एंट्री को लेकर नेपाल पुलिस अलर्ट
वहीं, भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक को देश की निगरानी सूची में डाले जाने के कुछ दिनों बाद नेपाल पुलिस ने सोमवार को कहा कि वह अपने देश में अमृतपाल सिंह की संभावित एंट्री को लेकर अलर्ट पर है। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता पोशराज पोखराज पोखरेल ने कहा, "हमें अमृतपाल के नेपाल में प्रवेश के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।" प्रवक्ता ने कहा कि नेपाल पुलिस इसको लेकर अलर्ट पर है। उन्होंने यह भी कहा कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल का पता लगाने के लिए भारतीय सुरक्षाकर्मियों के देश में प्रवेश करने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। खबर है कि भारत ने नेपाल को अमृतपाल के नेपाल में संभावित प्रवेश को लेकर अलर्ट रहने को कहा है। नेपाल पुलिस ने कहा है कि अमृतपाल ने अभी तक नेपाल में प्रवेश नहीं किया है।
पुलिस के जाल से बचकर हुए थे फरार
गौरतलब है कि 18 मार्च को कट्टरपंथी उपदेशक जालंधर में वाहन और हुलिया बदलकर पुलिस के शिकंजे से बचकर फरार होने में सफल रहा था। अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ समुदायों में द्वेष पैदा करने, हत्या की कोशिश, पुलिस कर्मियों पर हमला और सरकारी अधिकारियों को कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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