Sunday, December 22, 2024
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तवांग झड़प पर आया पाकिस्तानी मीडिया का रिएक्शन, कर दी भारतीय सेना की तारीफ!

एक टीवी शो के दौरान पैनलिस्ट ने कहा कि चीन चाहता था कि वो भारतीय पोस्ट उखाड़ दे लेकिन भारतीयों इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने बहुत ही जबर्दस्त तरीके से चीनी फौज को रोका, पत्थरबाजी भी हुई जिसमें भारतीय और चीनी समेत कई लोग जख्मी हुए और फिर भारतीय फौज ने चीन को भगा दिया।

Edited By: Sailesh Chandra @chandra_sailesh
Published : Dec 14, 2022 13:53 IST, Updated : Dec 14, 2022 13:53 IST
India-China Clash
Image Source : FILE (ANI) India-China Clash

Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए झड़प ने पाकिस्तान में अलग ही हलचल मचा रखी है क्योंकि चीनी फौज को भारतीय सैनिकों ने बिना हथियारों के ही धूल चटा दी। दरअसल दुनिया में पाकिस्तान का पक्का और इकलौता दोस्त चीन ही है। चीनी कर्ज से उसकी इकॉनमी चल रही है, चीनी हथियारों के बल पर वो भारत से पांचवीं जंग लड़ने के मुगालते में जी रहा है और चीन की उंगली पकड़कर कश्मीर हथियाने का ख्वाब देखता है लेकिन जब ड्रैगन ही पिट गया तब 'कश्मीर का राग छोड़ो और जीना है तो भारत से रिश्ते सुधारो' जैसी बातें होने लगी हैं।

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भारत-चीन झड़प पर पाकिस्तानी मीडिया

पाकिस्तान की मीडिया इस झड़प को भारत-अमेरिका के बीच हुए युद्दाभ्यास को कारण बताया है और कहा है कि भारतीय सैनिकों ने ना सिर्फ चीनी सैनिकों को रोका बल्कि भगा भी दिया। भारत तो अपने नुकसान बता भी देते हैं लेकिन चीन कभी बताता नहीं है। एलएसी पर हमला किया गया, उनका ख्याल था कि भारतीय सैनिक कहीं बैठकर पकौड़े खा रहे होंगे लेकिन उन्होंने इसे नाकाम कर दिया। यही नहीं चीन का हाल देखकर पाकिस्तानी अवाम भी अपने हुक्मरानों को कश्मीर भूलने की नसीहत देने लगी है। उनका कहना है कि यदि दो में से एक का चुनाव करना हो तो कश्मीर को भारत के साथ जाना चाहिए। भारत पावरफुल है तो वो कश्मीर को सपोर्ट कर सकता है, पाकिस्तान को खुद पर ध्यान देना चाहिए।

एक टीवी शो के दौरान पैनलिस्ट ने कहा कि चीन चाहता था कि वो भारतीय पोस्ट उखाड़ दे लेकिन भारतीयों इसे नाकाम कर दिया। उन्होंने बहुत ही जबर्दस्त तरीके से चीनी फौज को रोका, पत्थरबाजी भी हुई जिसमें भारतीय और चीनी समेत कई लोग जख्मी हुए और फिर भारतीय फौज ने चीन को भगा दिया। पैनलिस्ट ने आगे कहा कि डॉ. जयशंकर बहुत एग्रेसिव विदेश नीति लेकर चल रहे हैं। वो अमेरिका जा रहे हैं और वहां भी चीन का जिक्र करेंगे। भारत का कोई हिस्सा था जिस पर कब्जा करने के लिए चीनी सैनिक आ रहे थे। उनका ख्याल था कि वो आसानी से काबू पा लेंगे लेकिन उनको भारतीय फौज ने पछाड़ दिया। हम तो अभी बाहर हैं इस झगड़े से और हमें बाहर ही रहना चाहिए।

भारत-चीन झड़प और कारोबार पर पाकिस्तानी मीडिया
गौरतलब है कि भारत से दुश्मनी के नाम पर पाकिस्तान ने सरहद से कारोबार करना बंद कर दिया है। इससे भारत को तो कोई फर्क नहीं पड़ा उल्टे पाकिस्तान में कंगाली की नौबत आ गई। वजह ये है कि पाकिस्तान को गेहूं, टमाटर, शक्कर जैसी रोजमर्रा की चीजें भारत से सस्ते दाम पर मिल जाती थी अब इन चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। इस पर पाक मीडिया का कहना है कि चीन और भारत का इतिहास देखें तो दोनों मुल्कों के बीच झगड़े होते रहे हैं लेकिन कारोबार कभी नहीं रुकता। भारत बहुत बड़ा बाजार है। चीन कभी नहीं चाहेगा कि वो इतना बड़ा बाजार खो दे।

पाक मीडिया का कहना है कि सऊदी अरब और टर्की की ने भी इस साल भारत के साथ काफी ट्रेड किया लेकिन पाकिस्तान के साथ नहीं। भारत के साथ सब कारोबार करना चाहते हैं क्योंकि उनकी इकॉनमी मजबूत है। पाकिस्तान भी कारोबार करना चाहता है लेकिन हम बहुत पीछे रह जाते हैं। हमारी सरकार का नैरेटिव शुरू से मांगने वाला रहा। ये हर जगह अपने भाषणों में खुद को भिखारी साबित करते हैं। भले ही हमें मदद चाहिए लेकिन इस तरह खुद को भिखारी कहने से आपका कद छोटा हो जाता है।

'यह 1962 नहीं है,2022 का भारत है'
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 और 11 दिसंबर को हुई चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद से पूरे देश में आक्रोश है। भारत से चीन को यह संदेश दिया जा रहा है कि "यह 1962 नहीं है,2022 का भारत है। यहां ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, बल्कि भारतीय सैनिक अब ईंट का जवाब लोहे से देते हैं। बिल्कुल करारा जवाब। चीन को यह बात समझ भी आ गई होगी। भारत के महज कुछ सैनिकों ने चीन के 300 से अधिक सैनिकों को बॉर्डर से खदेड़ दिया।

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