कंगाली की कगार पर खड़ा पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। कश्मीर मुद्दे पर उसने फिर वही पुराना राग अलापा है। वह कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की बात फिर दोहरा रहा है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि उसने क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने में भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हमेशा स्वागत किया है, जिसमें कश्मीर सहित प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत को सुगम बनाना शामिल है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने ये टिप्पणियां कीं। ये टिप्पणियां उस वक्त की, जब उनसे दोनों पड़ोसियों के बीच तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बारे में पूछा गया।
वहीं भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पहले ही खारिज कर चुका है। भारत ने कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा रहेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी अन्य देश के पास इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता बलूच ने कहा, 'पाकिस्तान-भारत के संबंधों और अमेरिका सहित तीसरे पक्षों के हस्तक्षेप के संबंध में पाकिस्तान ने हमेशा ही कहा है कि हम कश्मीर विवाद सहित मुख्य मुद्दों के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का स्वागत करेंगे।'
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने और 5 अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए।भारत के फैसले ने पाकिस्तान से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया। तब से पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार संबंध काफी हद तक जमे हुए हैं।