Highlights
- अगले हफ्ते आएगा पाक प्रतिनिधिमंडल
- बाढ़ के आंकड़े साझा करने पर होगी वार्ता
- पाक अधिकारी पाकल डल और लोअर कलनई बांध नहीं जाएंगे
Pakistan Delegation to Visit India: पाकिस्तान का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत के साथ जल विवाद पर वार्ता के लिए अगले हफ्ते पड़ोसी देश आएगा। पाकिस्तान के एक प्रतिष्ठित अखबार ने शनिवार को पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह के हवाले से कहा कि वार्ता 30-31 मई को नई दिल्ली में होगी। प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर के जरिए यात्रा पर आएगा। शाह ने कहा, ‘बाढ़ पूर्वानुमान आंकड़े साझा करने पर बातचीत होगी और पीसीआईडब्ल्यू (सिंधु नदी के लिए पाकिस्तान के आयुक्त) की वार्षिक रिपोर्ट पर भी चर्चा की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल निर्माणाधीन पाकल डल और लोअर कलनई बांध की यात्रा नहीं करेगा, लेकिन इन पर और अन्य परियोजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
भारत-पाक के बीच है एक जल संधि
सिन्धु जल संधि, नदियों के जल के वितरण के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक संधि है। इस सन्धि में विश्व बैंक (तत्कालीन 'पुनर्निर्माण और विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय बैंक') ने मध्यस्थता की। इस संधि पर कराची में 19 सितंबर, 1960 को भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।
दरअसल सिंधु नदी का इलाका करीब 11.2 लाख किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। ये इलाका पाकिस्तान (47 प्रतिशत), भारत (39 प्रतिशत), चीन (8 प्रतिशत) और अफगानिस्तान (6 प्रतिशत) में है। करीब 30 करोड़ लोग सिंधु नदी के आसपास के इलाकों में रहते हैं। बंटवारे के दौरान सिंधु नदी घाटी और इसकी नहरों को भी बांटा गया, लेकिन पाकिस्तान अपने हिस्से के पानी के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर था।
समय समय पर होती रही है बैठक
पाकिस्तान को पानी का एक निश्चित हिस्सा दिया जाएगा। 1 अप्रैल 1948 को भारत ने नहरों का पानी रोक दिया जिससे पाकिस्तान में हालात खराब हो गए। दोनों देशों के बीच कई दौर की बैठकें चलीं और आखिरकार 19 सितंबर 1960 को सिंधु जल समझौता हुआ। भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसे इंडस वाटर ट्रिटी भी कहते हैं। दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक समय समय पर होती रही है।