Highlights
- हबाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हो सकती है
- कुल्हाड़ी मारकर भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया है
- भारत इस साल SCO RATS की अध्यक्षता कर रहा है
SCO: भारत और पाकिस्तान के बीच जल्द ही आतंकवाद के खिलाफ कवायद होने वाली है। दोनों देशों के बीच तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना इस साल के अंत में भारत आएगी। आतंकवाद विरोधी अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन(SCO) के बैनर तले आयोजित किया जाएगा। पाकिस्तान ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है कि इस अभ्यास में उनकी सेना शामिल होगी। पाकिस्तान और भारत पहले भी एक साथ आतंकवाद निरोधी अभ्यास में भाग ले चुके हैं लेकिन यह पहली बार होगा जब पाकिस्तानी सेना भारत में इस तरह के अभ्यास में हिस्सा लेगी।
एक मीडियो रिपोर्ट के अनुसार, साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने पाकिस्तान की संलिप्तता की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास एससीओ रैट्स के दायरे में होगा। भारत इस साल SCO RATS की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास अक्टूबर में भारत में होगा और चूंकि पाकिस्तान इसका सदस्य है इसलिए हम भी इसमें हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच तनाव के बीच यह कदम अहम माना जा रहा है। इस तरह के प्रयास व्यापार के रास्ते खुलेंगे।
धारा 370 हटने के बाद बढ़ा था तनाव
2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। 370 के निरस्त होने के बाद दोनों देशों के बीच कोई विशेष बातचीत नहीं हुई है। पिछले साल दोनों देशों के बीच बैकचैनल से सीजफायर को लेकर बातचीत हुई थी लेकिन रिश्तों में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी मारकर भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया है। पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा था।
मिल सकते हैं दोनों देशों के पीएम
पूर्व इमरान खान सरकार की ओर से पाकिस्तान में संबंध सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया था। पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद इमरान की जगह शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री चुने गए लेकिन सत्ता में आने के बाद भी कोई पहल नहीं हुई। अब अंदाजा लगाया जा रहा है कि उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान शाहबाज शरीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर दोनों देशों के पीएम मिलते हैं तो रिश्ते सुधर सकते हैं।