Highlights
- उच्चतम न्यायालय पूर्ण न्याय करेगा: ओवैसी
- निचली अदालत के आदेश पर लगेगी रोक: ओवैसी
- ज्ञानवापी में मुस्लिमों को धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति मिली है: ओवैसी
Owaisi on Gyanvapi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय ज्ञानवापी मामले पर अगली सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाएगा और पूर्ण न्याय करेगा। ओवैसी ने कहा कि जब वाराणसी की अदालत ने नमाजियों की संख्या 20 तक सीमित करने और शिवलिंग पाए जाने के स्थान की सुरक्षा का आदेश दिया, तो उनकी राय में उस समय गंभीर प्रक्रियात्मक अन्याय हुआ।
ओवैसी ने आगे कहा, 'उन्होंने नमाजियों को ज्ञानवापी मस्जिद में जाकर इबादत करने की इजाजत दी है। इससे पहले निचली अदालत के आदेश ने इसे 20 लोगों तक सीमित कर दिया था। इसलिए हमें उम्मीद है कि सुनवाई की अगली तारीख पर उच्चतम न्यायालय पूर्ण न्याय करेगा।' उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिलने की बात कही गई है। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग वाली जगह को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। जहां भी दावा किया गया है उसे प्रशासन सुरक्षित रखेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पार्टी को नोटिस जारी किया है और यूपी सरकार से जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने फिलहाल गुरुवार तक सुनवाई टाल दी है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील में सर्वे को रोकने की मांग की।