Highlights
- ओवैसी ने झारखंड की सोरेन सरकार पर साधा निशाना
- 'कमजोर हो चुकी है कांग्रेस, प्रदर्शन के दौरान 100 लोग भी जमा नहीं होते'
- अग्निपथ योजना पर संसद में विशेष सत्र बुलाया जाए: ओवैसी
Owaisi Ranchi Visit: रांची के मांडर विधानसभा उपचुनाव में ओवैसी जब भाजपा से निष्कासित मांडर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार देव कुमार धान के चुनाव प्रचार के लिए रांची पहुंचे, तो उनके स्वागत के दौरान उनके समर्थकों ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा दिए। इस मामले की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने स्थानीय पुलिस से इस मामले की रिपोर्ट मंगवाई है। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। रांची उपायुक्त ने छवि कुमार ने बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर ओवैसी के स्वागत के दौरान लगे इन नारों पर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। अपनी चुनावी सभा के दौरान सोरेन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले ओवैसी को झारखंड सरकार घेरने की तैयारी में है। ओवैसी के स्वागत के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में लगे नारों से चुनावी दौरा विवादों में घिर सकता है।
ओवैसी ने झारखंड की सोरेन सरकार पर साधा निशाना
इसी बीच कल रविवार को रांची में चुनावी जनसभा में ओवैसी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के दौरान रांची में दो मुस्लिम लड़कों की मौत की जिम्मेदार रांची सरकार और भाजपा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा एवं नवीन जिंदल के खिलाफ पहले कार्रवाई कर दी होती तो मुसलमान सड़क पर नहीं उतरते।
कमजोर हो चुकी है कांग्रेस, प्रदर्शन के दौरान 100 लोग भी जमा नहीं होते
इसी बीच ओवैसी ने मांडर के चान्हो ब्लॉक में अपनी चुनावी सभा में दो टूक कहा, ‘अगर कोई भाजपा को, नरेंद्र मोदी को जीत दिला रहा है तो उसका नाम कांग्रेस पार्टी है। ये कमजोर हो चुके हैं, इतने कमजोर हो चुके हैं कि इनके नेता को दिल्ली में ईडी (प्रवर्तन निदेशलय) पूछताछ के लिए बुलाती है तो 100 लोगों को दिल्ली में जमा नहीं कर पाते हैं।’
अग्निपथ योजना पर संसद में विशेष सत्र बुलाया जाए: ओवैसी
ओवैसी ने सेना में भर्ती के लिए केन्द्र की ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ बोलते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग रख दी। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान दोनों ओर की सीमाओं से देश को खतरा है, ऐसे में चार साल के लिए संविदा नियुक्ति करने का निर्णय सही नहीं है। सेना में लाखों पद रिक्त हैं।