नई दिल्ली: सोमवार की सुबह भारत और सिनेमाप्रेमियों के लिए बेहद ही खुशनुमा रही। भारत से हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका के कैलिफोर्निया के डॉल्बी थिएटर में 5वां अकादमी अवॉर्ड फंक्शन आयोजित किया गया। इस बार भारतीय सिनेमा की सुपरहिट फिल्म 'आर आर आर' (RRR) के शानदार सॉन्ग 'नाटू-नाटू' (Naatu Naatu) ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का खिताब जीता। इसके साथ ही बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म की कैटेगरी में फिल्ममेकर गुनीत मोंगा की 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' (the Elephant Whisperes) ने बाजी मारी है।
विजेताओं को मिलती है एक ट्रॉफी और गुडी बैग
दोनों को स्टेज पर चमचमाती ट्रॉफी से नवाजा गया। लेकिन सिनेमा जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड जीतने के बाद भी दोनों को एक रुपया भी नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि ऑस्कर जीतने वालों को सिर्फ एक ट्रॉफी और एक गुडी बैग दिया जाता है। इस बैग में कुछ अमूल्य सामान होता है लेकिन नगद राशि के नाम पर विजेताओं को कुछ नहीं दिया जाता। हालांकि इस गुडी बैग में हजारों डॉलर का कीमती सामान होता है। ये गुडी बैग सिर्फ ऑस्कर जीतने वाले कलाकारों को ही नहीं बल्कि हर कैटेगरी में नॉमिनेट होने वाले कलाकारों को भी दी जाती है।
ऑस्कर ट्रॉफी के बेचा नहीं जा सकता
इसके साथ ही आपको बता दें कि विजेताओं को अवॉर्ड के रूप में दी जाने वलोई ट्रॉफी को बेचा भी नहीं जा सकता है। अगर फिर भी कोई व्यक्ति इस ट्रॉफी को बेचना चाहता है तो उसे ऑस्कर अवॉर्ड अकेडेमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज संस्था को ही बेचना होगा। जिसके लिए एकेडमी उसे सिर्फ 1 डॉलर ही चुकाएगी। अब आप सोच रहे होंगे कि जब विजेताओं को एक ट्रॉफी और गुडी बैग के अलावा कुछ नहीं मिलता है तो इस अवार्ड को सिनेमा जगत का सबसे बड़ा अवार्ड क्यों कहा जाता है? क्यों इस अवॉर्ड को पाने के लिए हर कोई कलाकार, डायरेक्टर आदि बेचैन रहते हैं।
रातों-रात बढ़ जाती है विजेताओं को फीस
आपको बता दें कि इस अवॉर्ड को पाने वाले विजेता फिर चाहे वो एक्टर, डायरेक्टर, म्यूजिक कंपोजर या डिजाइनर हो उसका दबदबा बढ़ जाता है। दुनिया उसे पहचानने लगती है। इस पल के बाद उसकी फ़ीस कई गुना बढ़ जाती है। विजेता के पास दुनियाभर के फिल्म इंडस्ट्री से काम के ऑफर आने लगते हैं। इसके अलावा कई ऐसे लाभ भी हैं, जो इस अवार्ड के विजेता को मिलने लगते हैं।