जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) ने मंगलवार को पूरे झारखंड में विरोध प्रदर्शन किया। रांची में राज भवन के पास धरना दिया गया, जिसमें कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP) और वाम दलों के नेता शामिल हुए।
बीजेपी ने कहा- 'ग्रेट इंडिया ड्रामा सर्कस'
विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बैनर तले विभिन्न जिलों के कलेक्ट्रेट में इस तरह का विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विरोध प्रदर्शन को 'ग्रेट इंडिया ड्रामा सर्कस' करार दिया। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने पूर्वोत्तर राज्य में आदिवासी महिलाओं पर हमले और हालात को नियंत्रित करने में कथित रूप से विफल रहने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।
"मन की बात छोड़ मणिपुर की बात करें"
कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना पर देश शर्मिंदा है। ठाकुर ने कहा, ''इसके बावजूद प्रधानमंत्री चुप हैं। प्रधानमंत्री संसद में मणिपुर पर बयान देने के लिए तैयार नहीं हैं और न ही उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की।'' उन्होंने कहा, ''हम उनसे मन की बात को छोड़कर मणिपुर की बात करने का आग्रह करते हैं।'' उन्होंने दावा किया मणिपुर में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।