नई दिल्ली : ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान में फंसे भारतीयों को वहां से बाहर निकाला जा रहा है। इस काम में भारतीय वायुसेना और नौसेना के बेड़े को शामिल किया गया है। भारतीय वायुसेना ने एक साहसी अभियान के तहत खतरों से खेलते हुए 121 लोगों को सुरक्षित निकाला। यह एक ऐसा अभियान था जिसकी सफलता किसी चमत्कार से कम नहीं है और इसे भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने पूरा कर दिखाया।
खार्तूम से 40 किमी दूर फंसे थे
दरअसल, हिंसाग्रस्त सूडान की राजधानी खार्तूम से करीब 40 किमी दूर वाडी सैय्यिदना के पास 121 भारतीय फंसे हुए थे। यहां एक छोटी से हवाई पट्टी थी। 27 /28 अप्रैल की रात को वायुसेना के सी-130 जे जैसे भारी भरकम विमान को इस ऑपरेशन में लगाया गया। बेहद छोटी हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग की सुविधा भी नहीं थी। विजिबिलिटी कम होने के चलते वहां सी-130 जे जैसे विमान को लैंड कराना बेहद चुनौतीपूर्ण काम था।
नहीं थी नाइट लैंडिंग की सुविधा
भारतीय वायुसेना के पायलटों ने खतरों से खेलते हुए रात में लैंडिग का फैसला लिया। इन जांबाजों ने नाइट लैंडिंग के लिए नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल किया और विमान को सफलता पूर्वक एक बेहद छोटी हवाई पट्टी पर लैंड करा लिया। इसके बाद यहां फंसे सभी 121 भारतीयों को लेकर यह विमान रात में ही रवाना हो गया। टेक ऑफ के लिए भी पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल किया। बचाए गए लोगों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
लैंडिंग के बाद भी ऑन रहे विमान के इंजन
वायुसेना की तरफ से बताया गया कि लैंडिंग के बाद भी विमान के इंजन लगातार ऑन रहे। इस दौरान 8 गरुड़ कमांडो ने यात्रियों और उनके सामान को विमान में पहुंचाया। नाइट विजन ग्लास का उपयोग करके विमान को टेक-ऑफ कराया गया। वायुसेना ने कहा इस अभियान को भारतीय वायुसेना के अपने दुस्साहसिक अभियान के लिए जाना जाएगा। हालांकि इससे पहले काबुल में फंसे भारतीयों को वापस लाने में भी वायुसेना के जांबाज ऐसे दुस्साहसिक अभियानों को अंजाम दे चुके हैं।