अरुणाचल प्रदेश को लेकर एक बार फिर से चीन की ओर से बेतुके दावे किए जा रहे हैं। हद तो तब हो गई जब चीन ने हाल ही में अरुणाचल के 30 स्थानों के नाम को बदल दिया है। भारत सरकार ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया है। इस बीच अब असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने इस मुद्दे पर अनोखा बयान दिया है। उन्होंने बारत सरकार से अपील की है कि भारत भी चीन के तिब्बत क्षेत्र के 60 जगहों के नाम बदल दें। आइए समझते हैं ये पूरा मामला।
क्यों शुरू हुआ विवाद?
अरुणाचल प्रदेश पर चीन बार-बार बयान दे रहा है। भारत की ओर से जब चीन को इस मामले पर खरी-खरी सुनाई तो 'ड्रैगन' तिलमिला गया और अरुणाचल प्रदेश की कई जगहों का नाम कागजों पर बदलने लगा है। चीन ने अरुणचाल प्रदेश के अंदर 30 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने इसे लेकर सूची भी जारी की है। बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है और इसे तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा बताता है। पिछले 7 सालों में ऐसा चौथी बार हुआ है जब चीन ने अरुणाचल की जगहों का नाम बदला हो।
क्या बोले सीएम हिमंता?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि यह भारत सरकार का नीतिगत फैसला है। लेकिन अगर चीन 30 नाम रखते हैं तो हमे 60 नाम रखने चाहिए। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि हमें चीन के तिब्बती क्षेत्रों को 60 भौगोलिक नाम देने चाहिए। ‘हमेशा जैसे को तैसा के आधार पर जवाब दिया जाना चाहिए।
भारत सरकार ने क्या कहा?
अरुणाचल प्रदेश पर चीन की ओर से जारी किए जा रहे बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि नाम बदल देने से अरुणाचल की सच्चाई नहीं बदलेगी। अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था है और रहेगा। बता दें कि विदेश मंत्रालय ने चीन के इस दावे को बेतुका और निरर्थक बताया है। (इनपुट: भाषा)
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