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ओमिक्रॉन कम गंभीर जरूर दिखता है, मगर इसे हल्के में न लें: विशेषज्ञ

विशेषज्ञों के अनुसार, बेशक ओमिक्रॉन वेरिएंट को कम गंभीर माना जा रहा हो, मगर लोगों को एहतियाती उपाय करना बंद नहीं करना चाहिए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 15, 2022 18:17 IST
Omicron, How Dangerous is Omicron, Omicron is Dangerous, Omicron Vs Delta- India TV Hindi
Image Source : PTI भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को हल्के में लेते हुए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगी।

Highlights

  • विशेषज्ञों ने कहा कि अत्यधिक तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन स्ट्रेन को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को एहतियाती उपाय करना बंद नहीं करना चाहिए।
  • भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 6,041 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं।

नई दिल्ली: भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शनिवार को चेताते हुए कहा कि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को हल्के में लेते हुए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगी। विशेषज्ञों ने कहा कि अत्यधिक तेजी से फैलने वाले इस स्ट्रेन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों की यह चेतावनी ऐसे समय पर सामने आई है, जब हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के एक नए अध्ययन (स्टडी) से पता चला है कि ओमिक्रॉन बिना टीकाकरण वाले लोगों के लिए भी कम गंभीर है।

‘एहतियाती उपाय करना बंद नहीं करना चाहिए’

विशेषज्ञों के अनुसार, बेशक ओमिक्रॉन वेरिएंट को कम गंभीर माना जा रहा हो, मगर लोगों को एहतियाती उपाय करना बंद नहीं करना चाहिए और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ ही टीका भी लगवाना चाहिए। गुरुग्राम स्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट (इंटरनल मेडिसिन) तुषार तायल ने कहा, यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या यह वेरिएंट बिना टीकाकरण वाले लोगों के लिए भी कम गंभीर है या नहीं। हम निश्चित रूप से टीकाकरण वाले लोगों में लक्षणों की गंभीरता कम देख रहे हैं, इसलिए टीका लगवाना बेहद जरूरी है।

‘ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेने का आग्रह करूंगा’
तायल ने कहा, ‘अधिकांश लोग हल्के लक्षणों का सामना कर रहे हैं या बिना लक्षण के हैं, लेकिन हम अभी भी इस वेरिएंट के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को नहीं जानते हैं, इसलिए मैं सभी से सावधानी बरतने और ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेने का आग्रह करूंगा।’ देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीकी अध्ययन से पता चलता है कि बिना टीकाकरण वाले लोग, जो अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित थे, उनके गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना कम देखी गई है।

काफी तेजी से फैल रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट
इसके अलावा स्टडी में पिछले वेरिएंट के मुकाबले नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता या उनकी मृत्यु होने की संभावना भी कम बताई गई है। यह अध्ययन ऐसे समय में सामने आया है, जब ओमिक्रॉन वेरिएंट भारत सहित दुनिया भर में जंगल की आग की तरह फैल रहा है। तायल ने कहा, ‘जहां तक यह प्रश्न है कि इस वेरिएंट से भारत में तीसरी लहर की स्थिति बन रही है या नहीं, तो मैं कहना चाहूंगा कि पिछले 2 हफ्तों में मामलों की वृद्धि के साथ, हम अब इसे (तीसरी लहर) देख रहे हैं। लेकिन पिछली लहर की तुलना में, हम अस्पताल में भर्ती होने के मामले कम देख रहे हैं।’

‘कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए’
नई दिल्ली स्थित धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में पल्मोनरी कंसल्टेंट, नवनीत सूद ने कहा कि अगर हमने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती तो हम निश्चित रूप से तीसरी लहर को आमंत्रित करेंगे। सूद ने कहा, दक्षिण अफ्रीका के डेटा, जो स्ट्रेन के कारण पनपे बड़े प्रकोप का पहला देश है, ने अब तक अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर को कम दर्ज किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग लापरवाह हो जाएं। उन्होंने कहा, ‘मास्क बहुत जरूरी है। सभी को कोविड-19 प्रोटोकॉल का गंभीरता से पालन करना चाहिए।’

भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 6,041 पुष्ट मामले
दक्षिण अफ्रीकी अध्ययन ने पहली तीन कोविड-19 लहरों के 11,609 रोगियों की तुलना नई ओमिक्रॉन की लहर के दौरान संक्रमित हुए 5,144 रोगियों के साथ की। शोधकतार्ओं ने पाया कि चौथी ओमिक्रॉन लहर के दौरान कोविड पॉजिटिव होने के 14 दिनों के भीतर 8 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु हो गई या उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि पहली 3 कोविड लहरों में यह आंकड़ा 16.5 प्रतिशत दर्ज किया गया। वहीं अगर भारत की बात करें तो 5 प्रतिशत की दैनिक वृद्धि के साथ, भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 6,041 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं। (IANS)

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