Highlights
- खट्टर ने कहा था, "सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
- फारूक अब्दुल्ला ने भी खट्टर के इस बयान पर आपत्ति जताई थी
- उमर अब्दुल्ला- किसी धर्म विशेष को चुनने की नीति बताती है कि उसे निशाना बनाया जा रहा है
श्रीनगर/नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़े जाने के संबंध में दिए गए बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था, जहां किसी धर्म विशेष को चुनकर निशाना बयाना जाए।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "यह प्रतिबंध हर धर्म पर होता तो अच्छा होता लेकिन किसी धर्म विशेष को चुनने की नीति बताती है कि उसे निशाना बनाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था।" बता दें कि खट्टर ने कहा था, "सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी मनोहर लाल खट्टर के इस बयान पर आपत्ति जताई और उनसे मुसलमानों को नमाज के लिए जगह मुहैया कराने को कहा क्योंकि संविधान धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
मनोहर लाल खट्टर ने क्या कहा था?
मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को दो टूक कहा था कि खुले में नमाज बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अपनी जगह पर नामज पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है। मनोहर लाल खट्टर ने जोर देकर कहा था कि अब नमाज के नाम पर टकराव नहीं होने देंगे।
खट्टर ने कहा कि इस मसले पर कोई टकराव न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन और जिला उपायुक्त को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं। सीएम खट्टर ने कहा था कि कोई अपनी जगह पर नमाज पढ़ता है, पाठ करता है, पूजा करता है, इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जीएमडीए की नौंवी बोर्ड बैठक के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ये बात कही। बता दें कि, बीते दिनों गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर कई बार विवाद हो चुका है।