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BJP ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की 'कमजोरी' का फायदा उठाकर कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया: उमर अब्दुल्ला

गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।

Written by: Bhasha
Published : November 30, 2021 19:05 IST
BJP ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की 'कमजोरी' का फायदा उठाकर कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया: उमर अब्दुल्ला
Image Source : PTI BJP ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की 'कमजोरी' का फायदा उठाकर कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया: उमर अब्दुल्ला

Highlights

  • 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किया गया
  • राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया
  • उमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर लगाया आराप

जम्मू: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 इसलिए निरस्त कर पाई क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी कमजोर हो गई थी और पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनकी पार्टी का बिना शर्त समर्थन का प्रस्ताव ठुकराकर उनके (BJP) साथ गठबंधन कर लिया, जिनकी जम्मू-कश्मीर को लेकर ''अच्छी नीयत'' नहीं थी। उमर ने लोगों से 5 अगस्त, 2019 को ''जम्मू-कश्मीर पर थोपे गए बदलावों को उलटने'' के लिये नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन करने और उसे मजबूत बनाने की अपील की। 

गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के एक बयान पर उमर ने कहा, ''मुझे तो ऐसा होते हुए नहीं दिख रहा है। हम देख रहे हैं कि यह सरकार केवल भाजपा और कुछ कश्मीर-आधारित दलों के चुनिंदा नेताओं के लाभ के लिए है।'' मनोज सिन्हा ने कहा था कि 'उनका प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश के सभी लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।'

पूर्व मुख्यमंत्री ने किश्तवाड़ जिले के इंदरवल विधानसभा क्षेत्र के चतरू में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ''हम पर बदलाव थोपे जाने के बाद हमने जम्मू-कश्मीर और इसकी जनता के लिये लड़ाई शुरू की। ये बदलाव इसलिये संभव हो सके क्योंकि नेशनल कांफ्रेंस कमजोर थी। यदि हम 2014 के चुनाव में (विधानसभा) सीटें नहीं हारते और सरकार बना लेते तो, न तो वे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए निरस्त कर पाते और न रोशनी अधिनियम के तहत लोगों को आवंटित भूमि या बाहर से आए लोगों को दी गई नौकरियां और ठेके छीन पाते।''

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नेशनल कांफ्रेंस की ''कमजोर स्थिति'' का फायदा उठाया और संविधान द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोगों को जो दिया गया था, उसे छीन लिया। उमर ने कहा, ''मुझे ऐसी स्थिति का पूर्वाभास हो गया था और मैं सरकार बनाने के लिए बाहर से बिना शर्त समर्थन देने के लिए मुफ्ती साहब के पास गया था। मैंने उनसे कहा कि वह जिस रास्ते पर (भाजपा के साथ सरकार बनाकर) जा रहे हैं, वह जम्मू-कश्मीर के लिए एक आपदा लेकर आएगा और हम खुद को बचा नहीं पाएंगे।'' 

नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने बताया, ''मैंने उनसे कहा कि मुझे सत्ता का कोई लालच नहीं है क्योंकि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अभी छह साल पूरे किए हैं और उन लोगों को सत्ता में लाने से परहेज किया है जिनके इरादे जम्मू-कश्मीर के लिए अच्छे नहीं हैं।'' उमर ने कहा कि मुफ्ती की मजबूरी थी और उन्होंने अपने हिसाब से फैसला लिया। 

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