Highlights
- नवंबर 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगी नई संसद, खुद किया काम का निरीक्षण- ओम बिरला
- शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिसंबर 2021 को सदन की कार्यवाही देर रात 12.20 बजे के बाद तक चली
- शीतकालीन सत्र 2021: लोकसभा में पारित हुए 9 विधेयक
नयी दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा की कार्यवाही और संसद के नए भवन को लेकर अभी तक कितना काम हुआ है, इसके बारे में बताया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को बताया कि संसद के नये भवन का निर्माण नवंबर, 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना है। बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मंगलवार को संसद के नये भवन के निर्माण की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने कहा कि इस बैठक में भवन निर्माण से जुड़ी कंपनी के अलावा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग एवं अन्य एजेंसियों ने हिस्सा लिया था और उन्होंने यह बताया कि नवंबर, 2022 तक नया भवन बन जायेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘संसद के नये भवन का निर्माण नवंबर, 2022 तक पूरा हो सकेगा।’’ उन्होंने बताया कि नये भवन में प्रेस दीर्घा भी होगी जिसमें संवाददाताओं के बैठने एवं लिखने से संबंधित व्यवस्था होगी। गौरतलब है कि संसद के नये भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत किया जा रहा है। पिछले वर्ष टाटा प्रोजेक्ट्स ने इसके निर्माण से संबंधित अनुबंध हासिल किया था।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा की कार्यवाही के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट से अधिक समय बर्बाद हुआ। हालांकि, महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि सदन ने ओमिक्रॉन, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सांसद अब डिजिटल तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं। भविष्य में सांसद डिजिटल तरीके से ही सभी सवाल पूछ सकेंगे। उन्होंने कहा, इस शीतकालीन सत्र में लोकसभा में करीब 82 फीसदी काम हुआ। उन्होंने बताया कि कोरोना पर 12 घंटे 26 मिनट चली बहस में 99 सांसदों ने हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने सदन के साथ कोरोना काल के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए सर्वोत्तम कार्यों के बारे में बताया।
जानिए शीतकालीन सत्र 2021 में कितना हुआ काम और कितने घंटे हुए बर्बाद?
ओम बिरला ने बताया कि शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कुल 18 बैठकों में 83 घंटे 12 मिनट काम हुआ। वहीं, हंगामे की वजह से सदन के 18 घंटे 48 मिनट बर्बाद हो गए। उन्होंने कहा, सत्र के दौरान 2 दिसंबर 2021 को सदन की कार्यवाही देर रात 12.20 बजे के बाद तक चली और उस दिन की उत्पादकता 204 प्रतिशत रही, जो हाल के वर्षों में किसी एक दिन की उत्पादकता में सर्वाधिक है। स्पीकर ने बताया कि लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान 91 सवालों के जवाब कार्यवाही के दौरान ही दिए गए। वहीं, 4140 सवालों के जवाब पटल पर रखे गए। उन्होंने कहा कि जनता के हित से जुड़े 378 विषय सदन के समक्ष रखे गए।
लोकसभा में पारित हुए 9 विधेयक
ओम बिरला ने बताया कि लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक दोबारा स्थापित किए गए। कुल मिलाकर 9 विधेयक पारित हुए, इनमें से कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग विधेयक (संशोधन) 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन विधेयक (संशोधन) 2021 और निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021 शामिल रहे. उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा गया।
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 26 सितंबर को रात के समय अचानक नए संसद भवन के निर्माण स्थल का दौरा किया था। पीएम मोदी रात करीब 8.45 बजे संसद भवन के निर्माण स्थल पर गए। उन्होंने निर्माण स्थल पर लगभग एक घंटा बिताया और नए संसद भवन के निर्माण की स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया था। वहीं केंद्र सरकार ने मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की निगरानी के लिए 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है। 'सेंट्रल विस्टा ओवरसाइट कमेटी' प्रोजेक्ट की निगरानी के साथ उसे समय पर पूरा किए जाने की ओर ध्यान देगी।
जानिए क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। बता दें कि, नए संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा होने की समय सीमा साल 2022 के शीत सत्र से पहले तय की गई है।