नई दिल्ली: आजकल के समय में जिस देश के पास कच्चे तेल का भंडार है, वह दुनिया में सबसे धनवान माना जाता है। अरब के कई देशों की पूरी अर्थव्यवस्था ही कच्चे तेल कुओं पर थी टिकी हुई है। इस देशों से भारत भी तेल आयात करता है। लेकिन अब भारत में एक और तेल का कुआं मिला है, जिससे विदेशी कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने इस बारे में आज घोषणा की। हरदीप सिंह पूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर, कल पहली बार तेल निकाला गया था। 2016-17 में इस पर काम शुरू हुआ था हालांकि, फिर कोविड के कारण कुछ देरी हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले से ही चालू हैं।
जून तक प्रति दिन 45,000 बैरल का होगा उत्पादन
उन्होंने कहा, "हमारे पास न केवल बहुत कम समय में गैस होगी। इसके अलावे मई और जून तक, हम प्रति दिन 45,000 बैरल का उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं। यह उत्पादन हमारे देश के कुल कच्चे तेल के उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारे गैस उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा।" केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी ने बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 से 'पहला तेल' उत्पादन शुरू कर दिया है।
ONGC ने भी ट्वीट कर दी जानकारी
वहीं ओएनजीसी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया "कंपनी ने 7 जनवरी 2024 को कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से पहली बार एफपीएसओ के लिए तेल निकालता शुरू किया जो परियोजना के चरण-2 के पूरा होने के करीब है। तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण-3 पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में इसके समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।"
बेसिन से पीक तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण 3, पहले से ही चल रहा है और इसके जून 2024 में समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। अब देश में ही तेल के नए भंडार मिलने से भारत की दुनिया के कच्चे तेल आयातकों पर निर्भरता कम होगी।