बालासोर : एक कहावत है कि'जाको राखे साईंयां मार सके ना कोय'..। यह बात ओडिशा के बालासोर हादसे में भी चरितार्थ होती है। इस भीषण ट्रेन हादसे में जहां अब तक मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है वहीं कुछ ऐसे भाग्यशाली यात्री भी रहे जिन्होंने अंतिम समय में अपनी यात्रा को स्थगित कर दिया और इस भीषण दुर्घटना का शिकार होने से बच गए। चेन्नई डिविजनल रेलवे मैनेजर की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता से तमिलनाडु के 101 यात्रियों ने रिजर्वेशन कराया था। इनमें से 17 यात्रियों ने आखिरी वक्त पर अपनी यात्रा टाल दी थी। व्यक्तिगत कारणवश वे अपनी यात्रा नहीं कर पाए। वहीं 53 यात्रियों के सुरक्षित होने की पुष्टि हुई है जबकि 14 यात्री घायल हैं। वहीं 9 ऐसे यात्री हैं जिनसे कोई संपर्क नहीं सका है।
रात भर राहत और बचाव कार्य चलता रहा
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से एक बड़ा हादसा हो गया। मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई जबकि 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। घटनास्थल पर रात भर राहत और बचाव कार्य चलता रहा। गैस टॉर्च और इलेक्ट्रिक कटर की मदद से रेलगाड़ियों के बीच फंसे जीवित लोगों और शवों को बाहर निकालने की कोशिश चलती रही। रेस्क्यू के काम में 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बसों को लगाया गया है।
रेल मंत्रालय ने हादसे की जांच के आदेश दिए
रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्व सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी करेंगे। जानकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी हादसे की चपेट में आ गई।