Friday, December 27, 2024
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NV Ramana: देश में सिमट रही है विपक्ष की जगह, राजनीतिक विरोध दुश्मनी में नहीं बदलनी चाहिए - लोकतंत्र की हालत पर CJI ने उठाए सवाल

NV Ramana: राजस्थान में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एन.वी. रमण ने कहा कि राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कभी सरकार और विपक्ष के बीच जो आपसी सम्मान हुआ करता था, वह अब कम हो रहा है।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 17, 2022 9:03 IST, Updated : Jul 17, 2022 9:03 IST
CJI N V Ramana
Image Source : ANI CJI N V Ramana

Highlights

  • देश में सिमट रही है विपक्ष की जगह
  • राजनीतिक विरोध दुश्मनी में नहीं बदलनी चाहिए
  • लोकतंत्र की हालत पर CJI ने उठाए सवाल

N V Ramana: राजस्थान में एक कार्यक्रम में बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन.वी. रमण ने कहा कि राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कभी सरकार और विपक्ष के बीच जो आपसी सम्मान हुआ करता था, वह अब कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि, ‘‘राजनीतिक विरोध, बैर में नहीं बदलना चाहिए, जैसा हम इन दिनों दुखद रूप से देख रहे हैं। ये स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं।" 

देश में क़ानून बिना विचार-विमर्श और जांच के बनाए जा रहे - सीजेआई  

राजस्थान के जयपुर में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के 'संसदीय लोकतंत्र के 75 वर्ष' कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "सरकार और विपक्ष के बीच आपसी आदर-भाव हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही है।" उन्होंने विधायी प्रदर्शन की गुणवत्ता में गिरावट पर भी चिंता जताई। न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘दुख की बात है कि देश विधायी प्रदर्शन की गुणवत्ता में गिरावट देख रहा है।" उन्होंने कहा कि कानूनों को व्यापक विचार-विमर्श और जांच के बिना पारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य की प्रत्येक शाखा दक्षता और जिम्मेदारी के साथ काम करती है, तो दूसरों पर बोझ काफी कम हो जाएगा। यदि कोई अधिकारी सामान्य प्रशासनिक कामकाज कुशलता से करता है, तो एक विधायक को अपने मतदाताओं के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए परिश्रम करने की आवश्यकता नहीं होगी। 

लोकतंत्र में विपक्ष की अहम भूमिका - सीजेआई 

उन्होंने कहा कि संविधान में यह उल्लेख नहीं है एक साल में राज्य विधानसभा की कितनी बैठकें होनी चाहिए, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि सदन में ज्यादा चर्चा होने से नागरिकों को निश्चित रूप से लाभ होगा। संसदीय बहस और संसदीय समितियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विपक्ष को भी मजबूत करना होगा। न्यायमूर्ति रमण ने कहा,‘‘विपक्ष के नेता बड़ी महत्ती भूमिका निभाते रहे हैं। सरकार और विपक्ष के बीच काफी आपसी सम्मान हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष की गुंजाइश कम होती जा रही है। हम देख रहे हैं कि कानूनों को बिना व्यापक विचार-विमर्श और पड़ताल के पारित किया जा रहा है।’’ 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में अदालतों में बड़ी संख्या में मामले लंबित होने का मुख्य कारण न्यायिक पदों की रिक्तियों को न भरा जाना, न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं करना है। साथ ही उन्होंने देश में विचाराधीन कैदियों की बड़ी संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि यह आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि उन प्रक्रियाओं पर सवाल उठाना होगा, जिनके चलते लोगों को बिना मुकदमे के लंबे समय तक जेल में रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश के 6.10 लाख कैदियों में से करीब 80 प्रतिशत विचाराधीन कैदी हैं। सीजेआई ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में प्रक्रिया ''एक सजा'' है।

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